व्हाट्सएप पर 2000 रुपए के नोट बंद होने की अफवाह पिछले कई दिनों से फैल रही
है। मैसेज में लिखा है कि रिजर्व बैंक 2000 के नोट वापस ले रहा
है, आप 50,000 रुपए तक के नोट बदल सकते
हैं। ये तो झूठा मैसेज था, लेकिन वास्तव में देशभर में अचानक
2000 रुपए के नोट की कमी हो गई है। आम आदमी के मन में 2000
के नोट को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। मामले की पड़ताल में पता चला
है कि वर्ष 2016-17 के मुकाबले वर्ष 2018-19 में दो हजार रुपए के नोटों की मांग में 98.6 फीसदी की
कमी आई है। विभिन्न बैंक ग्राहकों की मांग के अनुसार आरबीआई से नोटों की मांग करते
हैं। आरबीआई के मुताबिक 2016-17 के मुकाबले 2018-19 में दो हजार के नकली नोट की संख्या में 3300 फीसदी बढ़ोतरी
हुई है। इससे पहले डिपार्टमेंट ऑफ इक्नौमिक एनालिसिस एंड पॉलिसी ने भी सिफारिश की थी
कि दो हजार के नोट बंद कर देना चाहिए। अब इनकी पिटिंग में कमी की जा रही है। इसलिए
विभिन्न बैंकों के एटीएम में दो हजार के नोट कम मिल रहे हैं। हालांकि इसका असर यह है
कि अब एटीएम जल्दी खाली हो रहे हैं। एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि उनके
एटीएम में पहले करीब 8 लाख रुपए एक बार में आते थे, लेकिन अब छोटे नोट के कारण 6 लाख ही आ पाते हैं। दैनिक
भास्कर से बातचीत में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने रिजर्व बैंक
ऑफ इंडिया (आरबीआई) को नोट न छापने का कोई
आदेश नहीं दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल सरकार 2000
के नोट चलन के बाहर करने या उन्हें बंद करने की तैयारी में बिलकुल नहीं
है और न ही इसकी जगह वो कोई नए नोट शुरू करने वाली है। आरबीआई के एक अधिकारी ने बताया
कि अब 2000 रुपए के नए नोट पिंट करने में कमी कर दी गई है। इसलिए
बाजार में 2000 रुपए के नोट की कमी है। बैंकों और लोगों द्वारा
भी इनकी मांग घटी है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी जरूरत के 2000 के नोट पिंट कर लिए हैं लेकिन अब हम नए नोट नहीं छाप रहे हैं। आम आदमी को अब
इतने बड़े नोट की जरूरत नहीं है। इसकी जरूरत नोट बंदी के समय थी। उस वक्त बाजार में
बड़े नोट चाहिए थे। अब 2000 रुपए के नोट से काला धन जमा होने
की आशंका है। सो जनता निश्चिंत रहे कि सरकार 2000 रुपए का नोट
बंद करने नहीं जा रही है।
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