Tuesday 22 October 2019

लखनऊ में हिन्दू नेता की दिनदहाड़े हत्या

लखनऊ में शुक्रवार को घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में हिन्दू समाज पार्टी नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। इस हत्या से हड़कंप मचना स्वाभाविक ही था। कमलेश तिवारी के ऑफिस में ही इस हत्या को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि बदमाशों ने कमलेश से उनके घर में ही बने ऑफिस में मुलाकात की और उनके साथ चाय भी पी। बदमाश भगवा कपड़े पहने थे और मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर लाए थे। चाय के बाद उन्होंने पहले तो कमलेश तिवारी का गला काटा और फिर गोली मारी। तिवारी अपने को हिन्दू महासभा का नेता बताते थे। वारदात के बाद हिन्दुवादी संगठनों के कार्यकर्ता भड़क उठे। सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे और अमीनाबाद बाजार बंद कर दिया। दुकानों में तोड़फोड़ भी की। सीसीटीवी कैमरों में दिखे दो संदिग्ध व एक महिला की जानकारी जुटाई जा रही है। कमलेश आतंकी संगठन आईएस के निशाने पर भी थे। 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कमलेश रासुका के तहत जेल में रहे। कमलेश की पत्नी किरण की शिकायत पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमश 57 लाख और डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था। इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है। कमलेश हत्याकांड में संदिग्धों की धरपकड़ तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिजनौर से मौलाना अनवारुल हक की गिरफ्तारी से इंकार किया है। वहीं सूरत से भी तीन संदिग्धों को दबोचा गया है। पर किसी से छिपा नहीं था कि कमलेश तिवारी को जान का खतरा था। पर बावजूद इसके उनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। सिर्प एक पुलिस वाला उनकी सुरक्षा पर लगाया गया था और वो भी हत्या के समय मौजूद नहीं था। आतंकी संगठन आईएस ने खुलेआम उन्हें मारने की धमकी भी दी थी। यह खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा अक्तूबर 2017 को सूरत में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध उवैद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम से पूछताछ से हुआ था। 20 अप्रैल 2018 को गुजरात एटीएस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक उवैद ने अपने दो साथियों को कमलेश तिवारी के विवादित बयान वाला वीडियो दिखाते हुए कहा था कि हम लोगों ने इसकी हत्या करनी है। उत्तर प्रदेश पुलिस और खुफिया एजेंसियों को शक है कि हत्या का गुजरात आतंकी कनेक्शन भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है, ऐसा लगता है कि कोई वालीवारिस नहीं है उत्तर प्रदेश का। हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सख्त टिप्पणी भी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज है। आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता। बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने दुखी होकर कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून-व्यवस्था हो। पीठ ने कहा कि लगता है कि वहां जंगलराज है। हम उत्तर प्रदेश सरकार से परेशान हो गए हैं। कमलेश तिवारी का शव सीतापुर के महमूदाबाद स्थित उनके पैतृक गांव में शुक्रवार को पहुंचा। परिवार वालों ने साफ किया था कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आएंगे तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं कमलेश तिवारी की पत्नी किरण ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मुख्यमंत्री नहीं आते हैं तो वह खुद आत्मदाह कर लेंगी।

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