सारी
दुनिया में कश्मीर में मानवाधिकारों को लेकर पूरी दुनिया में ढिंढोरा पीटने वाले पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कभी अपने देश में वह क्या कर रहे हैं शायद कभी नहीं देखा।
आए दिन पाकिस्तान द्वारा निर्दोषों पर जुल्म ढाहने की खबरें आती रहती हैं। चाहे मामला
उनकी नापाक करतूत उजागर करने वालों का हो,
चाहे आजाद कश्मीर का हो, चाहे बलूचिस्तान का हो,
सब जगह पाक सरकार, सेना के कहर ढालने की खबरें
आती रहती हैं। कश्मीर में मानवाधिकार का राग अलापने वाला पाकिस्तान मानवाधिकारों की
आवाज उठाने वाले अपने नागरिकों का क्या हश्र करता है, इसका एक
उदाहरण है गुलालाई इस्माइल। मारे जाने के डर से किसी तरह बचकर अमेरिका पहुंची इस मानवाधिकार
कार्यकर्ता के परिवार का पाकिस्तान में जीना दूभर हो चुका है। उन्हें लगातार परेशान
किया जा रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बल के जवान इस्लामाबाद स्थित गुलालाई के घर आ धमके
और उनके रिटायर्ड प्रोफेसर पिता से बाहर आने को कहा। जवानों ने गुलालाई के पिता मोहम्मद
इस्माइल से कहा कि वे उनसे बात करना चाहते हैं, लेकिन मोहम्मद
सुरक्षा बलों की मंशा भांप चुके थे। उन्होंने घर से बाहर निकलने से इंकार कर दिया।
मोहम्मद ने बताया कि मैंने उनसे कहा कि आप बिना यूनिफॉर्म के हैं और आपके पास हथियार
हैं। मैं बाहर नहीं आऊंगा। पाकिस्तान में मानवाधिकार की आवाज उठाने वालों और उनके परिजनों
को प्रताड़ित करने के लिए इस तरह की छापेमारी की घटना आम हो चुकी है। पाकिस्तानी सुरक्षा
बल की करतूतों का खुलासा करने वालों को इस तरह से डरा-धमका कर
खामोश करने का चलन बढ़ता जा रहा है। गुलालाई इस्माइल के माता-पिता पर टेरेरिज्म फंडिंग के आरोप में मुकदमा चल रहा है। गुलालाई और उनके परिवार
पश्तूनों पर पाकिस्तान की सरकार, पुलिस प्रशासन और सेना के अत्याचारों
के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पश्तूनों का संगठन पीटीएम बॉर्डर एरिया में पाकिस्तानी
सेना द्वारा चलाए जा रहे उस अभियान का कड़ा विरोध करता है जिसे पाक आर्मी आतंकवाद के
खिलाफ युद्ध बताती है। हालांकि हकीकत में यह अधिकारों की मांग करने वाले पश्तूनों की
हत्या करते हैं। गिरफ्तार किए गए कई पश्तून युवा गायब हो चुके हैं। वहीं दुनियाभर में
कश्मीर को लेकर घड़ियाली आंसू बहाने वाला पाकिस्तान अपने कब्जे में पीओके में आए दिन
जुल्म ढाहने से बाज नहीं आ रहा है। पीओके के मुजफ्फराबाद में मंगलवार को आजादी की मांग
को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे दलों की रैली में पुलिस ने जमकर फायरिंग व लाठीचार्ज
किया। इस बर्बर कार्रवाई में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए। खास बात यह है कि
उसी मंगलवार को पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अपने आतंकी कैंप तबाह किए जाने की बात को झुठलाने की कोशिश में विदेश राजनियकों को
खुद ही चुनी जगहों का दौरा कराया। पाकिस्तान ने कुछ देशों के राजनयिकों को मंगलवार
को अपने द्वारा तय किए गए स्थानों का दौरा करवाकर नियंत्रण रेखा पर आतंकी कैंप होने
की बात नकारने की कोशिश की। हालांकि इस्लामाबाद के झूठ को बेनकाब करते हुए भारतीय उच्चायोग
का अफसरों ने इस दौरे का बायकाट किया। पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश
नाकाम करते हुए हाल ही में भारतीय सेना ने सीमापार स्थित तीन आतंकी कैंप तबाह कर दिए
थे।
-अनिल नरेन्द्र
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