संयुक्त
राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने और हाल ही में पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन
टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान का खुलकर समर्थन चीन, तुर्की और
मलेशिया ने किया था। भारत ने दोनों तुर्की और मलेशिया को पाकिस्तान की तरफदारी करने
का कड़ा संदेश दिया है। प्रधानमंत्री ने तुर्की के दो दिन के दौरे को रद्द कर दिया
है। वह इस महीने के आखिर में वहां जाने वाले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तुर्की
की पहली आधिकारिक यात्रा होती। भारत इससे पहले मलेशिया से भी पाम ऑयल के आयात में कटौती
के संकेत दे चुका है। मलेशिया ने भी संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मद्दा उठाया था और
पाकिस्तान का समर्थन किया था। प्रधानमंत्री मोदी एक बड़े निवेश सम्मेलन में शामिल होने
के लिए 27 अक्तूबर को सऊदी अरब जा रहे हैं। वहीं से वह दो दिन
की यात्रा पर तुर्की जाने वाले थे। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान व्यापार और रक्षा
के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा होनी थी। लेकिन अब उनकी यात्रा रद्द हो गई है,
जो तुर्की के साथ भारत के संबंधों में आई दूरी का संकेत है। हालांकि
दोनों देशों के बीच गर्मजोशी वाले संबंध कभी नहीं रहे हैं। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र
महासभा की बैठक में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने से
दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। एर्दोगन ने न सिर्प कश्मीर मुद्दा उठाया
था, बल्कि वहां भारत द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन से लेकर
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव तक का जिक्र किया था। उन्होंने कश्मीर के हालात पर अंतर्राष्ट्रीय
समुदाय की चुप्पी पर भी सवाल उठाए थे। भारत ने इसे गंभीरता से लिया था। वहीं राष्ट्रीयता
की भावना से प्रेरित भारतीय आयातकों द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद रोकने और इंडोनेशिया
का रुख करने से मलेशिया की बेचैनी बढ़ गई है और वह भारतीय खरीददारों को रोकने में जुटा
है। मलेशिया में इस फैसले से हलचल मचनी स्वाभाविक ही है। दरअसल भारत मलेशिया के पाम
ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा
कि भारत में पाम ऑयल की खरीद के सौदे रुक जाने से मलेशिया में बेचैनी बढ़ गई है क्योंकि
भारत सबसे बड़ा आयातक है। मलेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन ने वहीं की मीडिया से कहा कि अगर
भारत मलेशिया से पाम ऑयल नहीं खरीदता है तो उसे अपनी जरूरतों की पूर्ति इंडोनेशिया
से करनी होगी और इंडोनेशिया जो भी दाम मांगेगा उसे भारत को स्वीकार करना होगा। इस पर
चतुर्वेदी ने कहा कि हमें किस दर पर इंडोनेशिया से पाम ऑयल खरीदना है तो यह हमारा मसला
है। हमारे लिए देश का सवाल पहले है और उसके बाद कारोबारी रिश्ते। गौरतलब है कि कश्मीर
मसले को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र
महासभा में भारत की आलोचना की थी। उन्होंने कश्मीर का मसला उठाते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाए जाने के बावजूद भारत ने उस
पर आक्रमण कर उसे अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद भारतीय आयातक इस महीने से मलेशिया
से पाम ऑयल के नए सौदे नहीं कर रहा है। भारत ने दोनों तुर्की और मलेशिया को यह जता
दिया है कि उनको भारत का विरोध महंगा पड़ेगा।
-अनिल नरेन्द्र
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