आमतौर पर खेलों में किसी की जान नहीं जाती, गंभीर चोट लग सकती है पर जानलेवा नहीं होती। पर बाक्सिंग एक
ऐसा खेल है जिसमें जान भी जा सकती है। अमेरिका के शिकांगो शहर में पैट्रिक डे नामक
बॉक्सर की चार्ल्स कॉनवेल के खिलाफ फाइट हुई थी। इस फाइट में पैट्रिक डे फाइट के दौरान
बुरी तरह घायल हुए थे। पैट्रिक के सिर पर बहुत जोरदार बाक्स पड़ा था। उन्हें रिंग से
स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा था। चार दिन इलाज चला, लेकिन चोट इतनी
गंभीर थी कि उन्हें बचाया नहीं जा सका। पैट्रिक की गत शनिवार रात को शिकांगो विनट्रस्ट
एरिना में चार्ल्स कॉनवेल के खिलाफ फाइट हुई थी। फाइट में पैट्रिक ने अच्छी शुरुआत
की लेकिन चार्ल्स के कुछ पंच के बाद वे असहज दिखने लगे। पैट्रिक दो बार गिरे भी लेकिन
उन्होंने फाइट जारी रखी। आखिर बार चार्ल्स के नॉकआउट पंच के बाद पैट्रिक रिंग में ही
गिर गए। वे उठ नहीं पाए तो फौरन स्ट्रेचर बुलाकर उन्हें ले जाया गया। अस्पताल ले जाने
पर पता चला कि पैट्रिक के सिर पर गंभीर चोट आई है और वे कोमा में चले गए हैं। बुधवार
तक शिकांगो में ही उनका इलाज चला और बुधवार रात को ही उन्होंने दम तोड़ दिया। फाइट
के पमोटर लुई डी बेला ने कहा पैट्रिक ने चार दिन तक गंभीर चोट से लड़ने का गजब का साहस
दिखाया। वे एक चैंपियन थे। बुधवार रात को अपने परिवार और बाक्सिंग टीम के बीच उन्होंने
आखिरी सांस ली। पैट्रिक के खिलाफ फाइट में उतरे कॉनवेल भी इस हादसे से सदमे में हैं।
वे बाक्सिंग छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा ः मैं कभी
नहीं चाहता था कि मेरी किसी फाइट में ऐसा कुछ हो। कोई नहीं चाहता कि ऐसा कुछ हो। काश!
मैं समय को कुछ पीछे ले जा पाता। मेरे दिमाग में पूरे दिन बस यही फाइट
चल रही है। मैं उससे बाहर नहीं आ पा रहा हूं। मुझे नहीं लगता कि अब मैं बाक्सिंग रिंग
में उतर पाऊंगा या उतरना चाहूंगा। पैट्रिक डे की मौत से ही बाक्सिंग नियम और बाक्सरों
की सुरक्षा को लेकर दोबारा बहस शुरू हो गई है। 2019 में अब तक
चार पोफेशनल बाक्सरों की रिंग में हादसे से मौत हो चुकी है। डे से पहले रूस के मैक्सिम,
डाडाशेव, अर्जेंटिना के हूगो अल्पेड सैंटिलन और
बुल्गारिया के बोरिस स्टैनचावे की फाइट में लगी चोट से मौत हो चुकी हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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