भारत
से नेपाल दौरे पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को कठोर चेतावनी देते
हुए बड़े कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि चीन को तोड़ने की कोई शिकायत
हुई तो वो हड्डी-पसली तोड़
देगा। नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ वार्ता के दौरान शी जिनपिंग ने यह
बात कही। शी जिनपिंग ने साथ ही यह भी कहा कि ऐसी कोशिश करने वालों का साथ देने वाली
बाहरी ताकतों को भी चीनी लोग चकनाचूर कर देंगे। शी जिनपिंग की इस चेतावनी का क्या मतलब
निकाला जाए? वह किसकी ओर इशारा कर रहे थे? एक जवाब तो यह लगता है कि बेशक उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया,
लेकिन माना जा सकता है कि इस बयान के जरिये उन्होंने भारत की तरफ इशारा
किया है, जिसने सर्वोच्च तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को यहां
शरण दे रखी है और तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता दे रखी है। नेपाल में तिब्बत
की आजादी के समर्थन में कुछ तिब्बती एक्टिविस्ट राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दौरे का विरोध
कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों पर नेपाल सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। शी जिनEिपग के इस बयान को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही हांगकांग में
पिछले चार महीनों से जारी विरोध प्रदर्शन से भी जिनपिंग के बयान को जोड़ा जा सकता है।
रविवार को हांगकांग में कई शांतिपूर्ण रैलियां निकाली गईं और इस दौरान पुलिस के साथ
प्रदर्शनकारियों की झड़पें भी हुईं। इस विरोध प्रदर्शन में पुलिस, ट्रांसपोर्ट स्टेशन और चीन समर्थित दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदर्शनकारियों
की रैलियों के कारण हांगकांग मेट्रो के 27 स्टेशन बंद रहे। पुलिस
का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्के
बल का प्रयोग किया गया लेकिन टीवी फुटेज में दिख रहा है कि वीकेंड पर खरीददारी करने
लोग भगदड़ में फंसे हुए थे। शापिंग सेंटर पर कई लोग जख्मी भी हुए। साउथ चाइना मार्निंग
पोस्ट से शी चिंहोग नाम के एक एकेडेमिक ने कहाöहांगकांग की वर्तमान
स्थिति काफी गंभीर है। यह चेतावनी अमेरिका और उन सभी के लिए जिनपिंग ने दी है जो प्रत्यक्ष
और अप्रत्यक्ष रूप से हांगकांग में जारी अतिवादियों की हिंसा के पक्ष में खडे हैं।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने न केवल चीन का रुख साफ करने का प्रयास किया है बल्कि अमेरिका
को भी चेतावनी है कि वो चीन के आंतरिक मामलों से दूर रहे। हाल ही में रिपब्लिक पार्टी
के सीनेटर टेड कूज ने हांगकांग में चीन के रुख की आलोचना की थी और चीन को क्षेत्रीय
शांति के लिए खतरा बताया था। जिनपिंग वार्ता में दोनों देशों के बीच अच्छी सहमति बनी।
चीन नेपाल में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम करेगा। दोनों देशों के साझा बयान
में कहा गया हैöनेपाल और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध अब नए दौर
में पहुंच गए हैं। नेपाल ने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट वन रोड का भी समर्थन
किया। हालांकि भारत इस परियोजना के खिलाफ है। साझा बयान में नेपाल और चीन को रणनीतिक
पार्टनर बताया गया है। चीन और नेपाल के बीच कुल 20 समझौतों पर
हस्ताक्षर हुए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि उनका देश एक चीन नीति के पक्ष
में है। ताइवान को नेपाल चीन का अटूट हिस्सा मानता है और तिब्बत समस्या में भी चीन
का आंतरिक मामला होने का समर्थन करता है।
-अनिल नरेन्द्र
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