Sunday, 21 June 2020

देश गलवान झड़प की असलियत जानना चाहता है

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शहीद हुए जवानों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सवाल किया कि सैनिकों को हथियारों के बिना खतरे की ओर किसने भेजा? वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सरकार ने दिल्ली-मेरठ में भी हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को देकर घुटने टेकने की रणनीति क्यों अपनाई? उधर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल के आरोपों का जवाब दिया तो भाजपा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर ही सवाल खड़े कर दिए। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है। इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया कि हमारे सैनिकों को हथियार के बिना खतरे की ओर किसने भेजा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राहुल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि चीन ने शस्त्रहीन भारतीय सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया है। मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा? क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है? इससे पहले एक पूर्व सैनिक अधिकारी के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था कि चीन की हिम्मत कैसे हुई कि उसने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चीन को कड़ा संदेश देने की वकालत की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली-मेरठ में भी हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को देकर घुटने टेकने की रणनीति अपनाई है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह बर्दाश्त से परे है। वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से चार सवालों के जवाब मांगे हैं। उन्होंने पूछाöहमारे सैनिकों को निहत्थे क्यों भेजा गया? किसने यह आदेश दिया? आर्मी प्रोटोकॉल के अनुरूप निहत्थे जवानों की सुरक्षा के लिए हथियारबंद बैकअप फोर्स क्यों उपलब्ध नहीं थी। हमले की अग्रिम जानकारी व सूचना सरकार के पास क्यों नहीं थी? वहीं विदेश मंत्री एस. शिवशंकर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि सीमा पर तैनात भारतीय जवान हथियार से लैस थे, लेकिन हथियार इस्तेमाल न करने के समझौते से बंधे थे। राहुल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा। सीमा पर तैनात भारतीय सैनिक हथियारों से लैस थे। 1996 और 2005 में हुए समझौते के तहत दोनों सेनाएं हथियार का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। इसलिए गलवान में हिंसक झड़प के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया। वहीं भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने विभिन्न ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री पर हमला करके अपरिपक्व व्यवहार किया है, जबकि प्रधानमंत्री ने चीन के साथ सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। कांग्रेस नेता यह दिखाना चाहते हैं कि सैनिकों को मरने के लिए निहत्था छोड़ दिया गया था। बेशक विदेश मंत्री जयशंकर और संबित पात्रा ने सफाई देने की कोशिश की पर राहुल और कांग्रेस प्रवक्ताओं के सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। देश इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की सच्चाई जानना चाहता है।

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