Thursday, 18 June 2020
दो हजार से ज्यादा कोरोना योद्धा संक्रमण की चपेट में
दिल्ली में कोरोना से लड़ने वाले फ्रंटलाइन वॉरियर्स को बहुत भारी कीमत अदा करनी पड़ रही है। राजधानी दिल्ली में अब तक दो हजार से ज्यादा कोरोना योद्धा संक्रमण की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें से एक हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। 800 से अधिक पुलिस कर्मी सहित सफाई कर्मी और अन्य कोरोना योद्ध हैं। दिल्ली में अभी तक एक हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें एम्स में सबसे अधिक 624 कर्मचारी और उनके परिजन शामिल हैं। एम्स में अभी तक छह वरिष्ठ प्रोफेसर और 26 रेजिडेंट डॉक्टर के अलावा 105 नर्सिंग कर्मचारी भी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके अलावा वार्ड ब्वॉय, रोगी सहायक, सुरक्षा कर्मी भी बड़ी संख्या में कोरोना से पीड़ित हुए हैं। एम्स में कोरोना की चपेट में आए 126 कर्मचारियों और उनके परिजनों का अभी भी एम्स के झज्जर और दिल्ली स्थित परिसर में इलाज चल रहा है। दिल्ली में कोरोना संक्रमित छह स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हुई है। एम्स में भी संक्रमण से पीड़ित तीन कर्मचारियों की मौत हुई है। इनमें एम्स का एक मेस कर्मचारी, एक सफाई कर्मचारी, सुपरवाइजर और एक हार्मोन रोग विभाग में काम करने वाला कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा कालरा अस्पताल में काम करने वाली केरल की एक नर्स की भी सफदरजंग में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वह कोरोना संक्रमित मिली थी। एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सैंपल लेने वाले कर्मी का भी संक्रमण के बाद जान चली गई थी। लोक नायक अस्पताल से जुड़े सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में काम करने वाले एक तकनीशियन की भी कोरोना संक्रमण के बाद मौत हो चुकी है। लोक नायक अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर की हालत गंभीर बनी हुई है। वह आईसीयू इंचार्ज हैं। संभवत इलाज के दौरान वह संक्रमण का शिकार हो गए। साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। दिल्ली में एम्स के अलावा 37 अन्य अस्पतालों में 600 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक रोहिणी स्थित अम्बेडकर अस्पताल के 114 और बाबू जगजीवन राम अस्पताल के 103 स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं। इसके अलावा सफदरजंग के 45, लोक नायक के 96 स्वास्थ्य कर्मी भी अभी तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। लोक नायक में 31 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना से लड़ने के लिए मरीजों को ठीक करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिस कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा रखी है। इन्हें हमारा सलाम।
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