Tuesday, 23 June 2020
प्रधानमंत्री का भ्रमित करने वाला बयान
चीन से लगी भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद से सरकार और विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के बीच शुरू हुई बहस और तेज हो गई है। दरअसल चीन से जारी तनातनी पर चर्चा के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि न कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही हमारी कोई चौकी किसी के कब्जे में है। हमारी एक इंच जमीन की तरफ कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। सरकार ने सेना को खुली छूट दी है। प्रधानमंत्री को कायर और डरपोक बताने के बाद राहुल गांधी ने पुन एक ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में दी गई उस जानकारी जिसमें उन्होंने बताया था कि चीन की सेना न तो भारतीय भूभाग में किसी प्रकार का अतिक्रमण कर सकी है और न ही चीनी सेना ने हमारे किसी सैनिक को बंधक बनाया है, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की इस जानकारी पर पुन सवाल खड़ा किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को लगातार चौथे दिन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि क्या सरकार ने चीन के सामने सरेंडर कर दिया है? उन्होंने सरकार से यह मांग की कि गलवान घाटी पर चीन जो दावा कर रहा है उसके बारे में स्थिति स्पष्ट करें। बता दें कि खूनी संघर्ष के बाद चीन ने फिर दावा किया है कि गलवान घाटी हमारी है। राहुल ने कहा कि गलवान घाटी भारत का अभिन्न हिस्सा है। सरकार को सामने आकर देश की जनता को बताना चाहिए कि चीन का दावा निराधार है। राहुल ने पूछा कि जमीन चीन की है तो हमारे सैनिक क्यों मरे? क्या हम चीन के क्षेत्र में घुसे थे या फिर वो हमारे क्षेत्र में आए थे? आखिर हमारे 20 सैनिक मारे गए हैं। सरकार बताए कि असलियत में स्थिति क्या थी। किन परिस्थितियों में चीनियों ने हमारे सैनिकों को मारा? कैसे हमारे 10 जवान चीन ने कब्जे में किए? राहुल ने पूछा कि जमीन चीन की है तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए? सरकार इसका जवाब दे। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री का यह बयान कि भारतीय सीमा में कोई विदेशी नहीं है यदि बयान सही है तो पांच या छह मई को क्या हुआ? क्यों भारत के 20 सैनिक शहीद हुए? इतने दिनों से दोनों देशों के सैन्य अधिकारी किस चीज को लेकर वार्ता कर रहे थे? वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम ने भारत-चीन सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री के बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के बयाने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या उन्होंने चीन को क्लीन चिट दे दी है? चिदम्बरम ने कहा कि घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री के बयान से चीन को ही फायदा हुआ है और एक तरीके से यह चीन के उस दावे की पुष्टि करने जैसा है जिसमें चीन कहता है कि उसने भारत की सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं की। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अंग्रेजी में ट्वीट करके कहा कि चीनी घुसपैठ के खिलाफ देश सरकार के साथ खड़ा है लेकिन जिस घटना में हमारे सैनिक शहीद हुए, क्या वह घुसपैठ थी? क्या गलवान घाटी भारतीय है या नहीं? उन्होंने कहा कि हमें स्पष्टीकरण नहीं चाहिए बल्कि सच का पता होना चाहिए। इससे पहले उन्होंने हिन्दी में ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री जी के भारत-चीन एलएसी कथन से भ्रमित होकर जनता पूछ रही है कि यदि चीन हमारे इलाके में नहीं घुसा तो फिर हमारे सैनिक किन हालातों में शहीद हुए? क्या इस कथन से चीन को क्लीन चिट दी जा रही है?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment