प्रकाशित: 15 अप्रैल 2011
-अनिल नरेन्द्र
बहुचर्चित कंधार विमान अपहरण कांड के मास्टर माइंड अब्दुल राऊफ को दक्षिण अमेरिका के चिली में पकड़ लिया गया है। पाठकों को याद होगा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में 24 दिसम्बर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 का अपहरण कर सभी यात्रियों को बंधक बना लिया था। 160 यात्रियों और चालक दल की रिहाई के बदले अपहर्ताओं ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना अजहर, मसूद, शेख उमर सईद और मुश्ताक जरगर को रिहा करा लिया था। राऊफ उन 40 मोस्ट वांटेड टेरेरिस्टों की सूची में शामिल है जिनकी भारत पाकिस्तान से मांग करता रहा है। दाऊद इब्राहिम भी इसी सूची में है। राऊफ को इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस की वजह से पकड़ा गया है। चिली पुलिस ने उसे हिरासत में रखा हुआ है। सीबीआई के प्रवक्ता धारिणी मिश्रा ने अब्दुल राऊफ को चिली की पुलिस द्वारा पकड़े जाने की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह वही राऊफ है, जिसकी सीबीआई को पिछले 12 साल से तलाश थी। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को चिली की पुलिस ने सीबीआई को सूचित किया कि उन्होंने इंटरपोल की रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर अब्दुल राऊफ नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। चिली की पुलिस ने अब्दुल राऊफ के हुलिये के बारे में भी लिखा है। साथ ही तस्वीर और अंगुलियों के निशान भी भेजे हैं। लेकिन विडम्बना यह है कि सीबीआई के पास न तो अब्दुल राऊफ की कोई तस्वीर है और न ही अंगुलियों के निशान। ऐसे में राऊफ की असली पहचान को स्थापित करने में सीबीआई को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। दिक्कत और भी है। हालांकि राऊफ की पहचान करने के लिए रॉ और सीबीआई की टीम चिली रवाना हो गई है पर सीबीआई की वेबसाइट के मुताबिक चिली के साथ अभी तक भारत की कोई प्रत्यार्पण संधि भी नहीं है। फिर राऊफ एक पाकिस्तानी पासपोर्ट पर सफर करता रहेगा। उस सूरत में पाकिस्तान कह सकता है कि राऊफ पर हमारा पहला हक है।
अखबारों में छपी रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल राऊफ को चिली ने इस साल जनवरी में ही गिरफ्तार कर लिया था और यह बात शायद उन्होंने सीबीआई को भी बता दी थी। दोनों चिली पुलिस और हमारे यहां की सीबीआई ने इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया? हालांकि केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लै का कहना है कि राऊफ के बारे में हमें बीते सप्ताह ही चिली से जानकारी मिली, यह पता करना जरूरी है कि यह वही राऊफ है जिसकी हमें तलाश थी। उसके बाद ही आगे की कड़ियां जुड़ पाएंगी। राऊफ पाकिस्तान के बावलपुर का रहने वाला है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि बेशक चिली के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि नहीं है, लेकिन चिली से भारत के मधुर रिश्ते हैं। अगर राऊफ कंधार कांड का आरोपी निकलता है तो उसे भारत लाने में अड़चन नहीं आएगी। अब्दुल राऊफ जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के बर्दर-इन-लॉ हैं। अगर यह राऊफ वही है जिसने आईसी-814 का अपहरण किया था तो यह एक अच्छी उपलब्धि होगी।
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