Sunday 17 April 2011

...और अब शरद पवार 2जी स्पेक्ट्रम में भी शामिल

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 17 अप्रैल 2011
-अनिल नरेन्द्र
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का नाम बस अब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़ना बाकी रह गया था। कारपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया ने सीबीआई को दिए बयान में यह काम भी पूरा कर दिया है। कभी आईपीएल गेट तो कभी लवासा तो कभी हसन अली मामले के चलते विवादों में रहे पवार का नाम 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फायदा उठाने वाली डीबी रियल्टी की स्वान टेलीकॉम से भी जुड़ गया है। कारपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया ने सीबीआई के सामने दिए बयान में स्वान टेलीकॉम में पवार का नियंत्रण होने की सम्भावना जताई है। डीबी रियल्टी की कम्पनी स्वान टेलीकॉम 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले  में अनुचित तरीके से फायदा उठाने की आरोपी है। राडिया ने सीबीआई पूछताछ में कबूला है कि स्वान टेलीकॉम को लाइसेंस दिलाने के लिए पवार ने तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा से सिफारिश की थी। इसी कड़ी में राडिया ने दागी स्वान टेलीकॉम में पवार की हिस्सेदारी होने की सम्भावना भी जताई है। राडिया का यह बयान सीबीआई के आरोप पत्र का हिस्सा है। इसमें राडिया ने कहा है कि मुंबई में लोगों की ऐसी धारणा है, लेकिन दस्तावेजी सबूत नहीं हैं। यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार का नाम किसी विवाद से जुड़ा है। चाहे वह आईपीएल, लवासा, आदर्श सोसायटी घोटाला हो या फिर चीनी घोटाले से लेकर वायदा बाजार को फायदा पहुंचाने जैसे विवाद, सबमें उनका नाम जरूर आया। वहीं पवार ने डीबी रियल्टी पर स्वान टेलीकॉम में किसी भी तरह की भागीदारी से इंकार किया है। डीबी रियल्टी के मालिक विनोद गोयनका से 35 साल पुराने रिश्तों की बात तो उन्होंने स्वीकारी है और कहा कि उन्होंने 20 साल पहले बारामती (पवार के गृह क्षेत्र) में दुग्ध प्रसंस्करण इकाई स्थापित की थी। बकौल पवार `हम सभी किसान उन्हें अच्छी गुणवत्ता का दूध निकालने में मदद करते हैं। हमारे रिश्ते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन टेलीकॉम कम्पनी में मेरी भागीदारी या जुड़ाव कतई नहीं है।'
बेशक पवार यह कहें कि उनका 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन यह पूरा सच नहीं है। पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनके पति सदानन्द की पुणे के पंचशील रियल्टी के पंचशील टेक पार्प वन प्रोजैक्ट में चार प्रतिशत की हिस्सेदारी है जिसके सीधे-सीधे संबंध डीबी रियल्टी से हैं। शाहिद बलवा की डीबी रियल्टी और पंचशील रियल्टी में सीधा संबंध पुणे के यरवदा की 15 हजार करोड़ रुपये की करीब 19 एकड़ जमीन के विकास से जुड़ी है। पुणे म्युनिसिपल कारपोरेशन (पीएमसी) और जिला कलेक्टर कार्यालय में मौजूद दस्तावेजों के अनुसार पंचशील टेक पार्प वन आईटी प्रोजैक्ट और डीबी रियल्टी (हिसलाइड कंस्ट्रक्शन प्रा. लि.) के द ग्रांड हमार फाइव स्टार होटल प्रोजैक्ट की जमीन के सर्वे क्रमांक 191(ए) के दो हिस्सा नम्बरों में नहीं बांटा गया है। जमीन के बंटवारे के साथ ही मुख्य सर्वे नम्बर में जमीन के टुकड़ों को अलग-अलग हिस्सा नम्बर अवंटित किए जाते हैं। अलग-अलग हिस्सा नम्बर लिए बिना यदि दो कम्पनियां काम कर रही हैं तो टाउन प्लानर्स के मुताबिक उनमें आपसी सहमति या भागीदारी निश्चित है।
शरद पवार इतने बदनाम हो चुके हैं कि वह किस-किस मामले में सफाई देंगे? पर सवाल यह उठता है कि इस सबके बावजूद उन पर कोई हाथ डालने का साहस क्यों नहीं करता? कांग्रेस तो गठबंधन धर्म निभाने का बहाना लेकर साइड कर लेती है और सरकार के वह खुद हिस्सा हैं। अन्ना हजारे ने यूं ही शरद पवार को नहीं चुना।

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