Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
प्रकाशित: 19 अप्रैल 201
-अनिल नरेन्द्र
-अनिल नरेन्द्र
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही संसदीय लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक शुक्रवार को सत्तापक्ष और विपक्ष की जंग में बदल गई। दिनभर की खींचतान के बाद कांग्रेस नेता आखिरकार सॉलिसिटर जनरल गुलाम वाहनवती व शनिवार को कैबिनेट सचिव और पीएम के प्रधान सचिव की गवाही टलवाने में कामयाब हो गए। फिलहाल उनकी गवाही खटाई में पड़ गई है। दरअसल कांग्रेसी सांसद पूरी तैयारी करके आए थे। कांग्रेसी सदस्यों ने बड़ी ही दिलचस्प अंदाज में नए-नए तर्प गढ़कर तलब किए गए अफसरों की पेशी को टालने के प्रयास किए। डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने संवैधानिक नियमों, समिति के अधिकारों और पूर्व समितियों का हवाला देकर उन तर्कों की काट पेश की मगर वह अहम लोगों, खासतौर पर सॉलिसिटर जनरल वाहनवती और पीएमओ के अफसरों की गवाही टालने से रोक नहीं पाए। बैठक के बीच में कांग्रेस सदस्य कई दफा बाहर आकर फोन पर गम्भीर चर्चा में व्यस्त दिखे। सबसे पहले मुद्दा जेपीसी बनाम पीएसी का। यह बहस पिछली दो बैठकों में भी उठाई गई थी। मगर कांग्रेस के केएस राव, जितेन्द्र सिंह, नवीन जिन्दल व सैफुद्दीन सोज ने एक साथ मिलकर कहा कि आखिर संसद ने जब जेपीसी गठित कर दी है तो आला अफसरों को तलब करने में यह सक्रियता क्यों? इस पर डॉ. जोशी ने स्पीकर का पत्र पढ़कर सुनाया। स्पीकर मीरा कुमार ने दोनों समितियों के अध्यक्ष चाको व जोशी से बैठक के बाद अपनी राय दी थी कि उन्हें मिलकर काम करना चाहिए। जोशी ने अपने बचाव में संसद के नियमों की किताब पढ़ी और कहा कि समिति सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक मामले की तह तक जाएगी। कांग्रेस सदस्यों का दूसरा एतराज था, सीबीआई की चार्जशीट में आरोपी लोगों को बुलाने पर। एक सदस्य का तर्प था कि सीबीआई चार्जशीट में नामित लोगों को यहां तलब करने की क्या तुक है? मामला अदालत में चल रहा है इसलिए भी यह सब ज्यूडिस है। इस पर डॉ. जोशी ने याद दिलाया कि शुक्रवार, शनिवार को जो अधिकारी बुलाए गए हैं उनका चार्जशीट से कोई लेना-देना नहीं, फिर अड़चन कैसी? एक अन्य सदस्य अरुण कुमार ने नाराजगी जताई कि अगर पीएम के करीबी अफसर बुलाए जा सकते हैं तो इस मामले में ए. राजा को बुलाना चाहिए। तीन घंटे की मात्थापच्ची के बाद यह तय हुआ कि सदस्यों को कागजात के अध्यापन के लिए बैठक एक हफ्ते तक मुल्तवी करने में कामयाब हो गए।
कांग्रेस सदस्यों के आक्रामक विरोध ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर तेज गति से चल रही पीएसी की जांच में ब्रेक लगा दी है। अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की कोशिश अब भी यह है कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द दें। मौजूदा पीएसी का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। इसलिए जोशी ने जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का संकेत दिया है।हालांकि भाजपा ने जोशी का कार्यकाल जारी रखने का फैसला किया है, लेकिन जोशी की कोशिश है कि जेपीसी की अगली बैठक यानि 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंप दी जाए। पीएसी बनाम जेपीसी टकराव तो होना ही था। कांग्रेस सांसदों द्वारा आपत्तियों को उचित ठहराते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जब जेपीसी बनाने की मांग हो रही थी हम उसी वक्त कह रहे थे कि क्षेत्राधिकार और जांच में दोहराव को लेकर टकराव हो सकता है। उस वक्त कहा गया कि हम जिद्दी हैं। डॉ. जोशी की पीएसी की जांच काफी आगे तक बढ़ चुकी है और हमें लगता है कि डॉ. जोशी बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट पेश कर ही देंगे।
कांग्रेस सदस्यों के आक्रामक विरोध ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर तेज गति से चल रही पीएसी की जांच में ब्रेक लगा दी है। अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की कोशिश अब भी यह है कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द दें। मौजूदा पीएसी का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। इसलिए जोशी ने जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का संकेत दिया है।हालांकि भाजपा ने जोशी का कार्यकाल जारी रखने का फैसला किया है, लेकिन जोशी की कोशिश है कि जेपीसी की अगली बैठक यानि 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंप दी जाए। पीएसी बनाम जेपीसी टकराव तो होना ही था। कांग्रेस सांसदों द्वारा आपत्तियों को उचित ठहराते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जब जेपीसी बनाने की मांग हो रही थी हम उसी वक्त कह रहे थे कि क्षेत्राधिकार और जांच में दोहराव को लेकर टकराव हो सकता है। उस वक्त कहा गया कि हम जिद्दी हैं। डॉ. जोशी की पीएसी की जांच काफी आगे तक बढ़ चुकी है और हमें लगता है कि डॉ. जोशी बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट पेश कर ही देंगे।
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