Sunday 24 April 2011

श्रीलंकाई खिलाड़ियों को वापस बुलाना हर लिहाज से गलत फैसला है

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
प्रकाशित: 24 अप्रैल 2011
-अनिल नरेन्द्र

आईपीएल-4 में हिस्सा ले रहे श्रीलंकाई खिलाड़ियों की वतन वापसी को लेकर बीसीसीआई और श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड (एसएलसी) के बीच चल रही खींचतान कुछ हद तक बृहस्पतिवार को खत्म हो गई। विश्व क्रिकेट के पॉवर हाउस बीसीसीआई के आगे झुकते हुए एसएलसी ने अपने स्टार खिलाड़ियों की वापसी की समय  सीमा 5 मई से बढ़ाकर 18 मई कर दी। इससे पहले एसएलसी ने अपने खिलाड़ियों को आगामी इंग्लैंड दौरे के तहत पांच मई तक स्वदेश लौटने के निर्देश दिए थे। श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड के इस फैसले का बीसीसीआई ने कई स्तरों पर विरोध किया था। नैतिकता के तकाजे पर भी यह गलत था और कानूनी दृष्टि से भी। फिर जो करार आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने खिलाड़ियों से किया था उसका भी यह उल्लंघन था। जब आईपीएल-4 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी तो कोच्चि टस्कर्स केरल ने महेला जयवर्द्धने के लिए 1.5 मिलियन डालर फीस दी थी। एंजेला मैथ्यूस के लिए पुणे वारियर्स ने 9,50,000 डालर दिए। कुमार संगकारा की 7,00,000 डालर की बोली डेक्कन चार्जर्स ने लगाई। तिलकरत्ने दिलशान के लिए रॉयल चैलेंजर्स ने 6,50,000 डालर दिए। मुंबई इंडियंस ने लसिथ मलिंगा के लिए 5 लाख डालर दिए। कुलशेखरा  को चेन्नई सुपर किंग्ज ने एक लाख डालर में खरीदा। सूरज रणदीव-चेन्नई सुपर किंग्स ने 80,000 डालर में, परेरा को कोच्चि टस्कर्स ने 80,000 डालर और नुवान पारादीप को रॉयल चैलेंजर्स ने 20,000 डालर में खरीदा। बीसीसीआई और एसएलसी में यह फैसला हुआ था कि श्रीलंकाई खिलाड़ी 22 मई तक आईपीएल खेलेंगे। नीलामी की शर्तों में यह तय है कि खिलाड़ियों को फीस तभी दी जाएगी जब वह पूरा सीजन फिट रहेंगे और मैच खेलेंगे। बीसीसीआई ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को यहां तक धमकी दे दी थी कि उसे जो खिलाड़ियों की नीलामी की पूरी कीमत में 10 प्रतिशत मिलना चाहिए वह रोक लिया जाएगा। खबर यह भी है कि बीसीसीआई ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को आईपीएल में खेल रहे श्रीलंकाई खिलाड़ियों की मैच फीस का 10 प्रतिशत हिस्सा (दो करोड़ रुपये) न देने की धमकी भी दी थी।
विश्व कप से ठीक पहले तक भारत-श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के रिश्ते ठीक थे, फिर अचानक सब कुछ बदल गया। आखिर ऐसा क्यों हुआ? विश्व कप फाइनल में श्रीलंका टीम इंडिया से हार के कारण बौखला गई। फिर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि बीसीसीआई ने फाइनल मैच के लिए आए कुछ श्रीलंकाई मंत्रियों से अच्छा व्यवहार नहीं किया और उन्हें टिकटें ब्लैक में खरीदनी पड़ीं। यह भी कहा जा रहा है कि पर्दे के पीछे का खेल पाकिस्तान खेल रहा था। पाक बोर्ड कई कारणों से बीसीसीआई से चोट खाए बैठा है। पहले तो उसे वर्ल्ड कप के आयोजन से किनारे किया। फिर आईपीएल से उसके क्रिकेटरों को हटा दिया। वह लम्बे समय से यूएई में बड़े कारपोरेट्स से आईपीएल के समानांतर लीग कराने की बात कर रहा था, उसे एक या दो देशों का साथ चाहिए था। उसे यह भी शिकायत है कि दुनिया में सबसे अमीर बीसीसीआई खुद तो बहुत कमाता है यह दूसरे बोर्डों को कुछ नहीं देता। इसलिए वह अपनी खुंदक श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को भारत के खिलाफ खड़ा करके निकाल रहा है। हालांकि मलिंगा चोटिल है और इंग्लैंड के दौरे के लिए नहीं चुने गए पर फिर भी उन्हें वापस बुला लिया गया है। आईपीएल-4 में कुल 11 श्रीलंकाई खिलाड़ी हैं।

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