शुक्रवार को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में `मुस्लिम धर्मग्रंथ कुरान के महत्व' पर एक प्रदर्शनी हुई। इस प्रदर्शनी को लेकर दो गुटों में टकराव हो गया। आयोजकों को मजबूरन प्रदर्शनी बन्द करनी पड़ी। कांस्टीट्यूशन क्लब के हॉल में यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी शुक्रवार को शुरू हुई थी। अहमदिया मुस्लिम जमात के सहसचिव सैयद अजीज अहमद और दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष दाउद अहमद ने बताया कि कुरान की महत्ता से लोगों को अवगत कराने के लिए इस प्रदर्शनी की योजना बनी थी। कुरान की शिक्षा और जीवन में उसके महत्व को दिखाने वाली तस्वीरें, बैनर, विभिन्न अखबारों व पत्र-पत्रिकाओं में छपे लेख और विद्वानों के विचारों को यहां प्रदर्शित किया गया था। लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से प्रदर्शनी बन्द करने पर मजबूर होना पड़ा। जम्मू-कश्मीर से आए एक छात्रा का कहना था कि कुरान तो सभी भाईचारे की सीख देता है, इस पर बवाल बहुत अफसोसनाक है। प्रदर्शनी का विरोध कर रहे लोग शुक्रवार को ही कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर जमा होने लग गए थे, तब उन्हें पुलिस ने समझाबुझा कर लौटा दिया पर शनिवार सुबह वे फिर आ गए और हंगामा करने लगे। शाही इमाम बुखारी के भाई याहिया बुखारी भी कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर मौजूद थे। शनिवार पूर्वान्ह शाही इमाम अहमद बुखारी प्रदर्शनी के विरोध में अपने आवास से 200 समर्थकों के साथ कांस्टीट्यूशन क्लब के लिए निकले। दोपहर 12 बजे दरियागंज थाने के सामने पुलिस ने उन्हें रोक लिया। सभी को हिरासत में लेकर थाने में बिठा लिया गया। पुलिस अधिकारी शांति बनाए रखने के लिए शाही इमाम से प्रदर्शनी स्थल पर नहीं जाने का आग्रह करते रहे। इमाम बुखारी बगैर प्रदर्शनी हटाए वापस जाने को तैयार नहीं थे। अहमद बुखारी को हिरासत में लिए जाने की खबर मिलते ही उनके करीब 400 समर्थक थाने के बाहर इकट्ठा हो गए। आनन-फानन में पुलिस ने प्रदर्शनी खत्म करवाई और सूचना अहमद बुखारी को दी। इसके बाद 3ः50 बजे शाही इमाम व उनके समर्थकों को छोड़ दिया गया। सभी थाने से चले गए। अहमद बुखारी के मुताबिक कादियान जमात को दुनिया के सभी मुस्लिम संगठनों ने समुदाय से बाहर रखा है। शाही इमाम का कहना है कि कादियान जमात ने प्रदर्शनी में कुरान को गलत तरीके से पेश किया। यह मुस्लिम व कुरान का अपमान है। विरोध कर रहे संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुखी और ऑल इंडिया मुस्लिम एण्ड दलित इटलेक्युअल फ्रंट के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद हसन का कहना था कि वे मुसलमान नहीं हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। हमारा मानना है कि गैर मुस्लिम कुरान पर क्या बात कर सकते हैं। वे कुछ भी करें पर कुरान का जिक्र नहीं करें, यह हमारी मांग है। दूसरी ओर प्रदर्शनी के आयोजकों ने कहा कि हमने 53 भाषाओं में अनुवादित कुरान रखी थी। कुरान में दी गई शिक्षा को विशेष बैनर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम जमात अहमदिया (कादियानी) का कहना है कि वे सच्चे मुसलमान हैं। उनका कलमा, कुरान, नमाज व रोजा सब समान है। कुरान को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए यह प्रदर्शनी लगाई गई थी।
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