Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 1st September 2011
अनिल नरेन्द्र
चार जून की रात को रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने बाबा व स्वाभिमान ट्रस्ट से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है जिसमें दिल्ली पुलिस पर वीडियो फुटेज से छेड़छाड़ करने का आरोप साबित हो सके। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमाकस क्यूरे और वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि पहले चार मंत्री बाबा रामदेव से मिलने जाते हैं। इसके चार दिन बाद अचानक उनके अनशन को तोड़ने और आधी रात को धारा-144 लगाकर पुलिस कार्रवाई करती है? आखिर यह किसके आदेश से किया जाता है? श्री धवन ने अन्ना हजारे को 16 अगस्त की सुबह अचानक गिरफ्तार किए जाने का जिक्र भी किया है। एमाकस क्यूरे ने दिल्ली सरकार और पुलिस के हलफनामों से असंतोष जताते हुए यह राज भी खोला कि चार जून की रात सीआरपीएफ ने आदेश का पालन करने से इंकार कर दिया था। जस्टिस बीएस चौहान की बैंच के समक्ष एमाकस क्यूरे, राजीव धवन ने इस मामले में जिला जज से जांच कराए जाने और इस कार्रवाई के दुप्रभावों पर भी विचार करने की मांग रखी। हालांकि पीठ ने बाबा रामदेव के ट्रस्ट भारत स्वाभिमान से दिल्ली पुलिस पर लगाए गए उस आरोप पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें चार जून को हुई इस कार्रवाई के वीडियो फुटेज और सीडी से छेड़छाड़ करने का आरोप पुलिस पर ट्रस्ट की ओर से लगाया गया था। पीठ ने कहा कि अखबारों में आई फोटो और न्यूज चैनलों के वीडियो क्लिपिंग में थोड़ा विरोधाभास है। चार जून की कार्रवाई पर दिल्ली पुलिस बुरी तरह फंस गई है। `इधर कुआं उधर खाई' की स्थिति में फंसी दिल्ली पुलिस के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं। देखें आगे क्या करती है दिल्ली पुलिस?Anil Narendra, Baba Ram Dev, Daily Pratap, delhi Police, Ram Lila Maidan, Supreme Court, Vir Arjun
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