Saturday, 10 September 2011

लड़की शिया, लड़का सुन्नी परिणाम 5 को सजा-ए-मौत

Editorial Publish 11 Sep 2011
-अनिल नरेन्द्र

खाप पंचायतों द्वारा ऑनर किलिंग के बारे में तो खबरें आती रहती हैं पर यह
पहली बार सुना है कि एक शिया समुदाय से संबंधित आरोपियों के परिवार की
लड़की ने सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक युवक से शादी कर ली थी
और इससे नाराज होकर लड़के के भाई की हत्या कर दी गई। गौरतलब है कि 7
जुलाई 2008 को सादिक के भाई तारिक की हत्या कर दी गई थी। घटना में तेय्यब
नामक शख्स गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस सिलसिले में तीस हजारी की एडीशनल
सेशन जज बिमला कुमारी ने बल्लीमारान निवासी मोहम्मद सलीम, शाहीन अब्बास,
साजिद वसीम, शाहीन जरगम अली और शब्बीर कासिम को आईपीसी की धारा 302
(हत्या), 307 (हत्या के प्रयास) और 34 का दोषी ठहराते हुए उसे मौत की सजा
सुनाई। शिया समुदाय से संबंधित आरोपियों के परिवार की लड़की ने सुन्नी
समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक युवक से शादी कर ली थी। इससे नाराज होकर
लड़के के भाई की हत्या कर दी गई। अदालत ने इस मामले को ऑनर किलिंग माना।
वारदात पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में घटित हुई। अपने फैसले में
जज महोदया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, `हमारी राय
में ऑनर किलिंग के जो भी कारण रहे हों, वे दुर्लभ से दुर्लभत्तम श्रेणी
में रखते हुए मौत की सजा पाने के हकदार हैं।' न्यायाधीश ने कहा कि
अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया है कि रुबीना ने अपने परिवार की इच्छा
के विरुद्ध सादिक से प्रेम विवाह किया था और इससे लड़की के घर वाले लड़के
के परिवार से खफा थे। जज ने सभी को सजा सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट
द्वारा भगवान दास मामले के बाद से ऑनर किलिंग को दुर्लभ से दुर्लभत्तम
श्रेणी में ठहराए जाने के बाद मेरे पास सभी आरोपियों को मौत की सजा दिए
जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। जज ने अपने फैसले में यह भी कहा कि
उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया है कि बर्बर व सामंतवादी बर्ताव हमारे देश
पर एक ऐसा घाव है जिसे अब समय आ गया है कि ऐसे व्यवहार के खिलाफ आगे आया
जाए। इस फैसले से मुस्लिम समुदाय में एक विवाद हो सकता है। यह चर्चा का
विषय हो सकता है। खाप पंचायतों द्वारा विभिन्न गोत्रों में युवाओं द्वारा
शादी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती की है। यह उसी का एक एक्सटेंशन है,
फर्प सिर्प यह है कि यह मुस्लिमों के दो समुदायों से ताल्लुक रखता है।
ऐसा कम ही सुना गया है कि जब शिया-सुन्नी में इस तरह शादी होने की इतनी
भयंकर प्रक्रिया हुई हो।

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