Thursday 8 September 2011

विकीलीक्स के ताजे खुलासे से मायावती को उल्टा फायदा होगा

Editorial Publish on 9 Sep 2011
-अनिल नरेन्द्र

विकीलीक्स के उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ ताजे लीक
साजिश ज्यादा लगते हैं और सच कम। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस प्रकार
के खुलासे जम नहीं रहे। अमेरिकी दूतावास ने 13-17 अक्तूबर 2008 के बीच एक
राजनीतिक प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश के हालात का जायजा लेने भेजे था। यह
प्रतिनिधि सूबे के तीन शहरोंöलखनऊ, वाराणसी और कानपुर गया। इस यात्रा के
आधार पर उसने अपनी एक रिपोर्ट 23 अक्तूबर 2008 को अमेरिका भेजी। रिपोर्ट
के मुताबिक मुख्यमंत्री मायावती तानाशाह बन चुकी हैं और प्रदेश की कानून
व्यवस्था बस इसी मायने में सही हुई है कि अब भ्रष्टाचार का केंद्रीयकरण
हो गया है और इसकी डोर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के हाथों में है। अमेरिकी
केबल यह भी कहता है कि मायावती के राज में भ्रष्टाचार संस्थागत हो चुका
है। मायावती और उनकी पार्टी ने सत्ता हासिल करने के बाद प्रदेश के विकास
के लिए बहुत कम काम किया है। राज्य में नौकरशाह, पत्रकार डरे सहमें रहते
हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि मायावती मुंबई से पैर की सैंडिल मंगवाने के
लिए विशेष विमान लखनऊ से भेजती हैं। बहन जी इन आरोपों से वह भी तीन साल
बाद लगाने से खफा हैं। बहन जी ने एक तरफ अपनी पार्टी के लोगों से उनकी
सरकार की छवि खराब करने वालों से सावधान रहने की अपील की है और दूसरी तरफ
मीडिया और विकीलीक्स के मालिक पर एक साथ हमला बोलते हुए कहा है कि
विकीलीक्स का मालिक या तो पागल हो गया है या फिर विरोधियों के हाथ खिलौना
बन गया है। उन्होंने कहा कि जिस देश में विकीलीक्स का मालिक रहता है, उस
सरकार से मैं आग्रह करूंगी की वहां की सरकार उसे पागलखाने भेजे या फिर
उत्तर प्रदेश सरकार उसे आगरा के पागलखाने में रखने को तैयार है। मायावती
ने ऐसी खबरें छापने वाले मीडिया के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई करने की
चेतावनी दी।
विकीलीक्स ने भले ही किसी नीयत से यह खुलासा किया हो पर हमें लगता है कि
इससे बहन जी के वोट बैंक पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उल्टा उन्हें फायदा
हो सकता है। मायावती का दलित जनाधार इस बात से हमेशा गौरवान्वित महसूस
करता है कि उसके नेता समृद्धि और सत्ता की ताकत में समाज में स्थापित
दूसरे नेताओं के बराबर या उनसे आगे है। उत्तर प्रदेश में अगले साल
विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी विपक्षी दल मानते हैं कि उनका मुख्य
मुकाबला बसपा से है। मायावती को सबसे ताकतवर प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा
है। नए खुलासे के बाद जिस तरह कांग्रेस, बीजेपी और एसपी ने मायावती पर
हमला बोला है उससे तो मायावती का वोटर एकजुट ही होगा बल्कि यूं मायावती
को निशाना बनाने से तो जो दलित वोटरों का मायावती शासन से मोहभंग हुआ भी
होगा वह भी वापस पार्टी फोल्ड में आ सकते हैं। मायावती के सैंडिल भी
स्पेशल जेट से आने और उनके रहन-सहन का स्तर महारानियों की तरह होने की
खबरें जहां समाज के दूसरे वर्गों में उपहास का विषय हो सकते हैं वहीं
उनके अपने समुदाय में वह स्वाभिमान और गर्व की बात बन जाती है। दलित
समुदाय में इन्हीं कारणों से बाबा साहब अम्बेडकर के सूट और टाई वाले फोटो
और पोस्टर ज्यादा पसंद किए जाते हैं। बाबा साहब की सूट वाली प्रतिमाओं के
जरिये भी यही संदेश दिए जाने की कोशिश होती है कि दलित समाज भी इस शान से
रह सकता है। मायावती अपनी सज-धज के जरिये दलित भावनाओं का राजनीतिक लाभ
उठाना जानती हैं। अब तक जब भी बहन जी पर ज्यादा हमले हुए हैं वह और
ताकतवर बनकर उभरी हैं।

No comments:

Post a Comment