Friday, 2 September 2011

15 सितम्बर से दिल्ली में सिटीजन चार्टर लागू होने जा रहा है


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 3rd September 2011
अनिल नरेन्द्र
देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे काआंदोलन रंग लाने लगा है। दिल्ली की शीला दीक्षित की सरकार ने दिल्ली में सिटीजन चार्टर को 15 सितम्बर से लागू करने की घोषणा कर दी है। इस तरह दिल्ली पहला राज्य होगा जहां सिटीजन चार्टर लागू होगा। अगर यह सिटीजन चार्टर सही से लागू होता है तो दिल्ली वालों को रोजमर्रा आ रही समस्याओं में कमी जरूर आएगी। छोटे-छोटे काम पर महत्वपूर्ण कामों में जो भ्रष्टाचार चलता है उस पर अंकुश जरूर लगेगा। दिल्ली वालों को राशन कार्ड, बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट, राजस्व विभाग से जुड़े सर्टिफिकेट तय समय पर मिलेंगे।
संबंधित विभागों को तयशुदा समय पर यह काम करना होगा। ऐसा न किए जाने पर अधिकारी पर जुर्माना हो सकता है। सीएम शीला दीक्षित का कहना है कि 15सितम्बर से इस कानून को कड़ाई से लागू किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने 28 मार्च को दिल्ली नागरिक विधेयक 2011 नोटिफाई किया था। इस विधेयक से जुड़े सारे नियम बना लिए गए हैं। वैसे तो सरकार के विभिन्न विभागों ने कई सर्टिफिकेट, लाइसेंस, आदि देने के लिए समयसीमा तय कर रखी है। यह नियम सरकार के अलावा नई दिल्ली नगर पालिका, दिल्ली नगर निगम पर भी लागू होगा।
लेकिन इनका लाभ लोगों को इसलिए नहीं मिल पा रहा क्योंकि इस काम को करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोई एक्शन का प्रावधान नहीं है। नए कानून के बन जाने से संबद्ध विभाग के अधिकारी को तय सीमा में काम करना होगा वरना उस पर जुर्माना होगा।
नए कानून के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को रेवेन्यू विभाग, आदि से कोई सर्टिफिकेट लेना है तो वह आवेदन करेगा। अगर समयसीमा के भीतर सर्टिफिकेट नहीं मिला तो अधिकारी से शिकायत करेगा। शिकायत सही पाए जाने पर उस विभाग के सर्टिफिकेट बनाने वाले अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने से बचने के लिए अधिकारी तय समय में सर्टिफिकेट बनाने की कोशिश करेगा। अगर सर्टिफिकेट बनाने में कोई तकनीकी पेंच है तो सक्षम अधिकारी उसकी जांच करेगा। लेकिन सब कुछ सही पाए जाने के बाद सर्टिफिकेट नहीं बना तो संबद्ध
अधिकारी की यह अक्षमता उसकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में भी दर्ज करा दी जाएगी, जिससे उसका प्रमोशन और इंक्रीमेंट प्रभावित होगी। विभाग का कहना है कि हम सारा काम ऑनलाइन से भी करने का प्रयास कर रहे हैं। शिकायत भी ऑनलाइन की जा सकेगी और बाद में सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन लिया जा सकेगा।
इन सेवाओं में एपीएल, बीपीएल, अंत्योदय के राशन कार्डों को बनवाना व नवीनीकरण, एससी, एसटी व ओबीसी सर्टिफिकेट बनाना, रिहायशी प्रमाण-पत्र बनाना, लर्निंग लाइसेंस बनाना, व्हीकल रजिस्ट्रेशन, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के अलावा अन्य सभी आवश्यक व प्रमुख सर्विस शामिल हैं।
अगर तय समयसीमा में काम नहीं होता तो संबंधित दोषी कर्मचारी पर 10 रुपये से 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। हम समझते हैं कि ऐसा सिटीजन चार्टर जहां तक हो सके सभी सेवाओं पर लागू किया जाना चाहिए। लेकिन शिकायत और अपील के सिस्टम पर खास गौर किए जाने की जरूरत है, क्योंकि मामले कहीं भी लटक सकते हैं। 10 रुपये का जुर्माना भी आज के जमाने में काफी कम है।
बेशक अन्ना हजारे की एक मांग पूरी हो गई है पर देखना यह है कि इसकी इंप्लीमेंटेशन कैसा होता है? कानून तो अपनी जगह ठीक है पर अगर उसको सही से इंप्लीमेंट नहीं किया गया तो नतीजा फिर वही सिफर होगा।

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