Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 4th September 2011
अनिल नरेन्द्र
बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलन से खार खाई कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार अब इनसे खुंदक निकाल रही है। जब से यह आंदोलन हुए हैं सरकार इनके पीछे हाथ धोकर पड़ गई है। बाबा रामदेव को सरकार अब खुद बाबा को विदेशी मुद्रा विनियम प्रबंधन अधिनियम (फेमा) में घेरने पर उतारू है।
प्रवर्तन निदेशालय ने बाबा रामदेव और उनके ट्रस्ट के खिलाफ फेमा कानून का उल्लंघन करने का केस दर्ज कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाबा रामदेव की संस्था पर विदेशों से होने वाले धन के लेन-देन में नियमों की अनदेखी करने के आरोप में यह केस दर्ज किया है। इसके अलावा स्काटलैंड में बाबा को दान में मिले कथित `द्वीप' के प्रकरण की भी पड़ताल की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय और जांच एजेंसियां यह देखने का प्रयास कर रही हैं कि इस द्वीप को प्राप्त करने में बाबा और उनकी संस्था ने कहीं नियमों की अनदेखी तो नहीं की है। ऐसे में जल्द ही इस मामले में बाबा के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु के वरिष्ठ प्रबंधकों से पूछताछ के आसार हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने भारतीय रिजर्व बैंक और विदेशी जांच एजेंसियों तथा बैंकों के माध्यम से मिली नकारियों के आधार पर मामले दर्ज किए हैं। ईडी सूत्रों के मुताबिक बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग पीठ, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और योग मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से अनियमित वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिली है। इन संस्थाओं ने अमेरिका, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन समेत कई देशों से विदेशी मुद्रा प्राप्त की है और ऐसा करने में बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी हुई है। बताते हैं कि ब्रिटेन से ही एक मामला करीब सात करोड़ रुपये के लेन-देन से जुड़ा है। यह मामला बेनामी सौदे से जुड़ा है। इसके अलावा ब्रिटेन के सामान्य व्यापारियों और फुटकर दुकानदारों से मिलकर भी अवैध वित्तीय लेन-देन के सबूत मिले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से ईडी को मिले दस्तावेजों के अनुसार बाबा रामदेव की कम्पनियों ने निर्यात से हुई लगभग 1.8 करोड़ रुपये (चार लाख डालर) की आमदनी के बारे में केंद्रीय बैंक को कोई जानकारी नहीं दी है। नियम के मुताबिक निर्यात से विदेशी मुद्रा में हुई आमदनी की सूचना छह महीने के भीतर आरबीआई को देना जरूरी है। बाबा रामदेव से जुड़ी कम्पनियों ने छह महीने के बाद भी आरबीआई को कुछ नहीं बताया।
बाबा रामदेव और उनकी कम्पनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फेमा के तहत मुकदमें से पदाथी स्थित पतंजलि एण्ड हर्बल पार्प में कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर चिन्ता हो गई है। पदाथी स्थित फूड पार्प में करीब पांच हजार कर्मचारी काम करते हैं। फूड पार्प के आसपास गांवों के लोग भी बड़ी संख्या में कार्य करते हैं। सभी को चिन्ता है कि कहीं ईडी ट्रस्ट के खातों को सीज न कर दे और उनका भविष्य अधर में न पड़ जाए। उधर बाबा रामदेव ने हरिद्वार में कहा कि उन्होंने या उनके ट्रस्ट ने किसी भी तरह के लेन-देन में कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया है। बाबा ने बताया कि अभी तक प्रवर्तन निदेशालय से उन्हें या उनके ट्रस्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। उन्हें इसकी जानकारी मीडिया से मिली है। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने पर माकूल जवाब दिया जाएगा। बाबा रामदेव हरिद्वार के कनखल स्थित दिव्य योग फॉर्मेसी में गुरुवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने या उनके ट्रस्ट ने किसी भी तरह का कोई भी असंवैधानिक काम नहीं किया है और न ही कोई गैर-कानूनी लेन-देन किया है।
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