Saturday, 19 April 2014

बेटी का बेटी से मुकाबला तो भाई का भाई से, कल्याण के बेटे भी दंगल में

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 24 अप्रैल को 117 सीटों पर मतदान होगा। इनमें कई पुत्र, पुत्रियां, भाई-भाई मैदान में होंगे। पहले बात करते हैं पुत्रियों की। पूनम महाजन को मुंबई उत्तर-मध्य सीट से उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने बेटी के मुकाबले बेटी को उतारने की रणनीति अपनाई है। पूनम महाजन भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी हैं जो दिवंगत अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त की बेटी और सांसद प्रिया दत्त के खिलाफ मैदान में हैं। पूनम से पहले भाजपा मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट पर प्रिया दत्त को चुनौती देने के लिए किसी चमक-दमक वाले व्यक्ति की तलाश में थी। इसके लिए  उसने हेमा मालिनी, विनोद खन्ना और अनुपम खेर जैसे अभिनेता-नेत्रियों से सम्पर्प भी किया। लेकिन कोई भी प्रिया दत्त के खिलाफ उतरने को तैयार नहीं हुआ तब पार्टी ने पूनम महाजन के नाम पर मुहर लगा दी। प्रिया इस सीट पर दो बार जीत चुकी हैं। पूनम का मुकाबला कांग्रेस की प्रिया दत्त के अलावा आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी फिरोज पालकीवाला व सपा के अबु फरहान से है। मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली छह विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन और एक पर भाजपा-शिवसेना काबिज है। 2009 के चुनाव में प्रिया दत्त ने भाजपा के महेश जेठमलानी को 1,74,553  मतों से हराया था। पूनम की युवा और ईमानदार छवि, मोदी लहर की ताकत है जबकि कांग्रेस की यह बहुत मजबूत सीट है। यह सीट ईसाई-मुस्लिम बहुल है। कांटे के मुकाबले में प्रिया को हराना एक चुनौती होगी। भाजपा के बुजुर्ग नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनका मानना है कि इस आम चुनाव में पूरा देश भाजपा को केंद्र में लाना चाहता है और इसका असर एटा में भी दिखेगा। एटा की सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में कल्याण सिंह काबिज हुए थे। उस समय वह सपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते थे। कल्याण सिंह फिर से भाजपा में लौट चुके हैं और बेटे को टिकट दिलाने में भी सफल रहे। राजवीर के सामने एटा पर पकड़ साबित करने की चुनौती है जो भाजपा का गढ़ रहा है। यहां से पांच बार भाजपा ने परचम लहराया है। क्षेत्र में लोदी समुदाय प्रभावशाली है और राजवीर इसी समुदाय के हैं। 62 वर्षीय राजवीर सिंह का मुकाबला सपा के देवेन्द्र सिंह, आम आदमी पार्टी के दिलीप यादव और बसपा के इंजीनियर नूर मुहम्मद से है। इनकी अगर ताकत पर नजर डालें तो उनकी ईमानदार छवि, राजनीतिक अनुभव व पिता कल्याण सिंह का बेटा होना है। दूसरी ओर बार-बार भाजपा छोड़ने और दल-बदल करने से पार्टी कार्यकर्ताओं का भरोसा डगमगा गया है। इनको संगठित करना चुनौती होगा। अब बात करते हैं राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट की। दौसा सीट रोचक और विभिन्न चुनावी जंग का गवाह बनी हुई है। इस सीट पर दो भाइयों ने देश की दो सबसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकी है। दोनों ही भारतीय पुलिस सेवा में रह चुके हैं। दौसा से भाजपा ने हरिश्चंद्र मीणा को मैदान में उतारा है। हरिश्चंद्र ने चुनाव लड़ने के लिए स्वेच्छा से फोर्स से सेवानिवृत्ति ली है। दूसरी ओर दौसा सीट से ही कांग्रेस ने हरिश्चंद्र के भाई नमो नारायण मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दौसा सीट पर छठे चरण के तहत 24 अप्रैल को चुनाव होना है। देश की दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के प्रत्याशी होने के बावजूद दोनों भाइयों को चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते नहीं देखा गया। राजस्थान की 25 सीटों में से 17 अप्रैल को 20 सीटों पर मतदान हो चुका है। अब छठे चरण के तहत 24 अप्रैल को शेष पांच सीटों पर मतदान होगा। हरिश्चंद्र राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं जबकि नमो नारायण पूर्व आईपीएस होने के साथ-साथ दो बार सांसद भी रह चुके हैं। नमो नारायण मौजूदा संप्रग सरकार में वित्त राज्यमंत्री हैं। एक दौसा निवासी ने बताया कि जहां नमो नारायण संप्रग के विकास कार्यों की दुहाई दे रहे हैं, वहीं उनके भाई हरिश्चंद्र भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नाम पर और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम पर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में लगे हुए हैं। भाजपा का पलड़ा भारी लगता है। दौसा क्षेत्र में ही विश्व प्रसिद्ध बालाजी (हनुमान जी) का मंदिर भी आता है।

No comments:

Post a Comment