Tuesday 1 April 2014

क्या गावस्कर के कार्यकाल में किकेट में सफाई आएगी, नया युग आरंभ होगा?

अंतत सुपीम कोर्ट ने वह काम कर दिखाया जो भारत सरकार नहीं कर सकी। आखिर सुपीम कोर्ट ने भारतीय किकेट कंट्रोल बोर्ड  (बीसीसीआई) चीफ की कुसी पर पुंडली मार कर बैठे और वहां से हटाने की कोशिश करने वालों को पूंफकार कर भगा देने वाले एन श्रीनिवासन को उनकी हैसियत बता दी। यह नौबत तब आई जब भानमती का पिटारा खुल जाने के बावजूद स्वेच्छा से पद छोड़ना तो दूर, सामाजिक दबाव, किकेट पेमियों, वरिष्ठ खिलाड़ियों को वह लगातार ठेंगा दिखाते रहे। यहां तक कि देश की शीर्ष अदालत द्वारा साफ-साफ कह देने के बाद भी वह आखिरी पल तक पद से चिपके रहने का कोई न कोई जुगाड़ निकालने में जुटे रहे। बड़े बेआबरू होकर कूचे से निकले हम। भारतीय किकेट को क्लीन करने को पतिबद्ध है। सुपीम कोर्ट ने शुकवार को बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को हटाकर पूर्व भारतीय किकेट कप्तान सुनील गावस्कर के हाथों अध्यक्ष पद थमा दिया। साथ ही 18 अपैल से दुबई में शुरू हो रहे आईपीएल-7 को हरी झंडी दे दी। आईपीएल-7 सुनील गावस्कर की देख-रेख में होगा। साथ ही बीसीसीआई के सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवलाल यादव को बोर्ड के बाकी कामकाज का जिम्मा सौंपा है। आईपीएल के मौजूदा सीईओ सुंदर रमन पद पर बने रहेंगे या उन पर भी गाज गिरेगी इसका फैसला कोर्ट ने गावस्कर पर छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि सुंदर रमन पर श्रीनिवासन को बचाने के आरोप लगे थे। सुपीम कोर्ट द्वारा आईपीएल- 7 की कमान सुनील गावस्कर को सौंपे जाने से सम्मानित महसूस कर रहे हैं। वह इस भूमिका में सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था देने की कोशिश करेंगे। बकौल गावस्कर मैं काफी गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं और माननीय सुपीम कोर्ट ने आईपीएल-7 की समाप्ति तक मुझे बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष पद की जवाबदेही सौंपी है। मैं अपने किकेटीय जीवन की तरह यहां भी इस जवाबदेही को बेहतर ढंग से निभाऊंगा। सुपीम कोर्ट के फैसले का सभी ने स्वागत किया है। पूर्व किकेटर चंदू बोर्ड ने कहा सुपीम कोर्ट ने यह बहुत अच्छा काम किया है। यह किकेटरों के लिए अच्छा मौका है क्योंकि अब आईपीएल में किकेट को तरजीह मिलेगी जिसकी छवि को सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोपों से बहुत नुकसान हुआ है। गावस्कर निष्पक्ष रूप से फैसले करने के लिए पहचाने जाते हैं। उनके मार्गदर्शन में काफी पारदर्शिता आएगी। एक और पूर्व किकेट अजीत वाडेकर ने कहा कि खुशी है कि गावस्कर जैसे महान खिलाड़ी को बीसीसीआई की कमान दी गई है। किकेटरों को शामिल होते देखकर खुशी हो रही है। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला ने कहा कि सुपीम कोर्ट का यह फैसला खेल और किकेट पेमियों के हित में है। इस मामले में धोनी को नहीं घसीटना चाहिए था। उनका इससे कोई सरोकार नहीं है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि कोर्ट की इस पहल का कितना और कैसा असर, बीसीसीआई की कार्यशैली पर पड़ेगा? सन् 2000 में मैच फिक्सिंग एपिसोड के सामने आने के बाद जगमोहन डालमिया की विदाई के साथ इस संगठन का कायाकल्प होने की उम्मीद जगी थी पर ललित मोदी और एन. श्रीनिवासन जैसी शख्शियतों का बोलबाला रहा जो किकेट को खेल से कहीं ज्यादा धंधा मानते थे और पैसों को अहमियत देते थे। अब क्या बदलाव होगा?

-अनिल नरेन्द्र

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