Wednesday, 2 April 2014

दस अरब के सुपर हरक्यूलिस हादसे से सरकार और वायु सेना सवालों के घेरे में

शुकवार को देश व भारतीय वायु सेना को एक बहुत बड़ा झटका लगा। वायु सेना का एक हजार करोड़ रुपए का अत्याधुनिक मालवाहक विमान सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस हादसे का शिकार हो गया। इस विमान का हादसा राजस्थान के करौली जिले में सामंतपुरा गांव के निकट हुआ। हादसे में अधिकारियों सहित चालक दल के सभी पांच सदस्य मारे गए। विमान ने सुबह दस बजे आगरा से ग्वालियर के लिए उड़ान भरी थी। एक घंटे बाद ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में मारे गए लोगों में विंग कमांडर पशांत जोशी, विंग कमांडर रमेश नायर, स्क्वाड्रन लीडर कौशिक मिश्रा, स्क्वाड्रन लीडर आशीष यादव और वारंट ऑफिसर केपी सिंह शामिल हैं। पत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उड़ान के दौरान ही विमान से धुआं निकलने लगा था। चंबल नदी के ऊपर इसने दो-तीन चक्कर लगाए और फिर गोदा घाट के पास जा गिरा। वायु सेना का विशालकाय सुपर सी-130 जे विमान किसी आबादी वाले शहर में गिरता तो निश्चित तौर पर तबाही का मंजर होता। विमान  को उड़ाने वाले गुप कैप्टन विंग कमांडर पशांत जोशी और उनके सहयोगी विंग कमांडर रमेश नायर खतरे को भाप कर विमान को सुनसान स्थल चंबल नदी के किनारे ले गए ताकि आबादी वाले इलाके में विमान के गिरने से मचने वाली तबाही से बचा जा सके। हम इन पायलटें की सूझबूझ की सराहना करते हैं। उन्हेंने आखिरी क्षणों में अपनी जान की परवाह न करते हुए निर्दोषों की मौत होने से स्थिति बचाई। तीन साल पहले भारतीय वायु सेना ने अमेरिका से सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान खरीदने का करार किया था। अब तक भारत में तीन विमान आ चुके हैं। बताया जाता है कि एक विमान की कीमत एक हजार करोड़ रुपए है। यह लड़ाकू विमान स्पेशल ऑपरेशन एयर काफ्ट विमान है। जिसके दो साल पूर्व भारतीय वायु सेना में शामिल होने से सेना की ताकत बढ़ी है। विमान युद्ध और आपातकालीन स्थिति में मालवाहक के तौर पर उपयोग होता है, चार इंजन वाला सुपर हरक्यूलिस 20 टन वजन यात्री, टैंक के साथ कई  जीपें लेकर उड़ सकता है। यह 12-14 घंटे लगातार आसमान में रह सकता है, उड़ान के दौरान ही इसमें ईंधन भरा जा सकता है। करीब 97 फुट लम्बा होने पर भी छोटे रनवे पर उतर सकता है। पिछले दिनों ही भारत ने चीन सीमा से लगे दौलत बेग ओल्डी में इसे उतार कर चीन को तेवर दिखाए थे। हाल ही में लापता मलेशियाई विमान एमएच-770 की खोज के काम में इसका इस्तेमाल किया गया। उत्तराखंड में आपदा के समय भी बहुत उपयोगी साबित हुआ था। इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर रक्षा मंत्रालय और वायु सेना पर गम्भीर सवाल उठ रहे है। रक्षामंत्री ए. के. एन्टोनी ने वायु सेना पमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा से हादसे का ब्यौरा मांगा है। माना जा रहा है  कि इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर एंटोनी ने राहा से गम्भीर सवाल पूछे हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक विमान के भीतर इतनी जल्दी से सब कुछ हो गया कि पायलट को एटीसी को कुछ बताने का मौका भी नहीं मिला। रक्षा मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की कोई तकनीकी वजह नहीं हो सकती। हालांकि मामले की जांच के बाद ही असल कारण का पता चल पाएगा। ऐसे में अधिकारी मानवीय चूक की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं। क्योंकि अमेरिका से लिए इस विमान में चार इंजन लगे थे। साथ ही इसमें आपातकालीन लैंडिंग की भी आधुनिक सुविधा है। ग्वालियर से सटे राजस्थान के मैदानी इलाके में यह हादसा हुआ वहां का मौसम भी बिल्कुल साफ और ठीक था। वायु सेना, नौसेना में आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं की जबावदेही सरकार की बनती है और इस मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए। अमेरिका का यह हरक्यूलिस विमान बहुत ही मजबूत और विश्वसनीय विमानों में गिना जाता है। उसके साथ अमूमन ऐसी दुर्घटनाएं नहीं होती हैं। यह बढ़ती दुर्घटनाएं सरकार के ढीले-ढाले रुख को भी दर्शाती हैं जिसकी बहुत बड़ी कीमत देश को अदा करनी पड़ रही है।

-अनिल नरेंद्र

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