Sunday 27 April 2014

पंजाब में अकाली दल-भाजपा बनाम कांग्रेस बनाम आप

पंजाब की अमृतसर लोकसभा सीट इस समय सबसे हॉट सीट बनी हुई है। अमृतसर सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई है जहां एक युद्ध नायक तथा वरिष्ठ राजनीतिज्ञ अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए मैदान में है तो दूसरी तरफ एक रसूखदार नेता इस दिग्गज को पराजित करने के लिए कमर कसे हुए है। पंजाब की इस सीट पर सभी की निगाहें हैं जहां 30 अप्रैल को मतदान होगा। गुरु की नगरी में राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। बादल साहिब द्वारा आश्वासन देने के बाद भी भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। 61 वर्षीय अरुण जेटली के लिए यह पहला चुनाव है जिसमें वह प्रत्यक्ष निर्वाचन का सामना कर रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा नीत राजग के सत्ता में आने पर उन्हें दिल्ली में बड़ी भूमिका मिल सकती है। शायद जेटली ने भी यह नहीं सोचा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार के 7 साल के शासन तथा निवर्तमान सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदर्शन को लेकर सत्ता विरोधी लहर की पृष्ठभूमि में उन्हें अमृतसर सीट पर कितने कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस ने उनके मुकाबले में अपने पंजाब के सबसे शक्तिशाली  उम्मीदवार कैप्टन अमरिन्दर सिंह को उतारा है। कांग्रेस ने कैप्टन के रूप में अपना तुरुप का पत्ता खेल कर यहां मुकाबला कड़ा बना दिया है। अमृतसर में कहीं-कहीं आप का प्रभाव भी दिख रहा है। पिछड़ी जातियों का वोट जो कभी कांग्रेस और बसपा के बीच बंटता था इस बार आधा झुकाव आप की ओर लग रहा है। वैसे इस क्षेत्र में 23 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं जिनमें बसपा के प्रदीप वालिया भी एक हैं पर मुख्य मुकाबला जेटली व कैप्टन में ही है। बादल खानदान के दो सूरमाओं के बीच बठिंडा में कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। एक मौजूदा सांसद मैदान में ताल ठोंक ही रहे हैं तो बादल परिवार से अलग हुए कुनबे के एक अन्य सदस्य भी बठिंडा की हाई प्रोफाइल सीट पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। यह सीट सत्तारूढ़ अकाली दल का मजबूत किला मानी जाती है जहां एक हमनामे उम्मीदवार के प्रवेश ने चुनावी जंग को पेचीदा बना दिया है। इस सीट से मौजूदा सांसद अकाली दल की हरसिमरत कौर और उनके देवर मनप्रीत सिंह बादल एक-दूसरे के सामने खड़े हैं। पूर्व वित्तमंत्री और पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के संस्थापक मनप्रीत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। मनप्रीत भाकपा और शिरोमणि अकाली दल (बरनाला) के समर्थन से अपने चचेरे भाई और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर पर हमला करने में कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। पाकिस्तान की सीमा से लगा गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र फिल्म और सियासत के जबरदस्त घालमेल के कारण हॉट सीट बन गया है। फिल्मी दुनिया में लम्बे समय तक बादशाहत चलाने वाले फिल्म स्टार विनोद खन्ना एक बार फिर से भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनका सामना पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और मौजूदा सांसद प्रताप सिंह बाजवा से है। इनके बीच कई दलों में रह चुके सुच्चा सिंह छोटेपुर आम आदमी पार्टी की टोपी पहनकर मैदान में हैं। विनोद खन्ना और प्रताप सिंह बाजवा दोनों को लेकर सबसे ज्यादा असंतुष्टि की बात यह है कि वे जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। इलाके से दूरी बनाने और उपेक्षित छोड़ देने का आरोप झेल रहे विनोद खन्ना ने कुछ समय पहले पठानकोट के सैली रोड पर एक कोठी खरीद ली है। उनकी चुनावी मुहिम इसी कोठी में तय हो रही है। कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है आनंदपुर साहिब की सीट। पांचवां तख्त होने के कारण आनंदपुर साहिब सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। कांग्रेस ने पार्टी में अहम भूमिका निभाने वाली अम्बिका सोनी को अकाली दल के प्रेम सिंह चन्दूमाजरा के मुकाबले खड़ा करके रोचक स्थिति बना दी है। इस सीट पर पिछले चुनावों में कांग्रेस के रवनीत बिट्टू ने अकाली दल के सचिव दलजीत चीमा को हराया था। स्वर्गीय संजय गांधी से लेकर अब तक गांधी परिवार के सबसे निकट लोगों में से एक श्रीमती सोनी के लिए न केवल इस बार मुकाबला तकड़ा है बल्कि कुछ हद तक उनकी और उनकी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है। पंजाब की संगरूर सीट पर हास्य कलाकर भगवंत मान के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक और त्रिकोणीय हो गया है। वह आप के प्रत्याशी हैं। इस सीट पर कांग्रेस और अकाली दल-भाजपा गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर रहती थी। कांग्रेस ने राहुल गांधी ब्रिगेड के विजय इन्दर सिंगला को मैदान में उतारा है तो शिरोमणि अकाली दल ने अपने वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा को सिंगला के खिलाफ मैदान में उतारा है। संगरूर लोकसभा सीट दो जिलोंöसंगरूर और बरनाला में बंटी हुई है। 30 अप्रैल को पंजाब की 13 सीटेंöगुरदासपुर, अमृतसर, खंडूर साहिब, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहपुर साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर व पटियाला में वोट पड़ेंगे। मिशन मोदी 272+ के लिए पंजाब के यह चुनाव महत्वपूर्ण हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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