Wednesday 8 October 2014

आईएस को तालिबान का समर्थन देने की घोषणा दर्शाती है बढ़ते खतरे को

एक नए इंटरनेट वीडियो में इस्लामिक स्टेट के एक कट्टरपंथी को एक ब्रिटिश बंधक एलन हेनिंग का सिर कलम करते हुए दिखाया गया है। चरमपंथी संगठन के हाथों यह इस तरह की चौथी हत्या है। इससे पहले अमेरिकी रिपोर्टर जेम्स फोली अमेरिकी इस्त्राइली पत्रकार स्टीवन सोटलोफ, ब्रिटिश सहायता कर्मी डेविड हैन्स को इसी तरह मौत के घाट उतारा गया। वीडियो में नकाबपोश आतंकी ने कहा, ओबामा तुमने शाय (सीरिया) पर विमानें से गोलाबारी शुरू की है जो हमारे लोगों को निशाना बना रही है, लिहाजा यही एक सही तरीका है हम तुम्हारे लोगों पर वार जारी रखें। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पवक्ता कैटलिन हैडन ने इसकी पुष्टि की और कहा ऐसे समय में हमारे पास जारी वीडियो की पामाणिकता पर शक करने का कोई कारण नहीं है। अमेरिकी नेतृत्व में शुरू हुए हवाई हमले के बावजूद आईएस इस्लामिक स्टेट द्वारा ब्रिटिश बंधक का सिर कलम करना जहां इसके दुस्साहस का पमाण है वहीं इसका सारी जवाबी कार्यवाही के बावजूद आगे बढ़ना और विस्तार भारत सहित सभी देशों के लिए गंभीरता से सोचने को मजबूर कर रहा है। ताजा खबरों के अनुसार अब पाक तालिबान ने इस संगठन को समर्थन देने की घोषणा की है। तालिबान का अब तक अल कायदा से गठजोड़ रहा है। आईएस से होड़ में पिछड़ रहे अल कायदा ने करीब एक महीने पहले भारतीय उपमहाद्वीप में जेहाद शुरू करने से संबंधित जो वीडियो जारी किया है उसे दोबारा अपना वर्चस्व हासिल करने की उसकी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें तालिबान उसका सहयोगी होता। अपने संबोधन में जवाहिरी ने अफगान तालिबान सरगना मुल्ला उमर के पति निष्ठा भी जताई थी। लेकिन अब पाक तालिबान ने आईएस के साथ मिलकर जेहाद को गति देने की जो अपील की है, उससे अफगान और पाक तालिबान के बीच खाई के और गहरे होने का तो संकेत मिलता ही है साथ ही अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की विदाई के बाद इस पूरे इलाके में आतंकी संगठनों के पांव जमाने के खतरनाक इरादों का भी पता चलता है। आईएस को नेस्तनाबूत करने के लिए अमेरिकी नेतृत्व में कई देश सीरिया और इराक में बम बरसाते रहे हैं। वहीं आईएस भी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए दुनियां भर में सकिय आतंकी संगठनों से गठजोड़ कर रहा है। अभी तक जिन आतंकी संगठनों को अपने साथ जोड़ने में आईएस सफल रहा है उनमें पमुख हैं अबू समाफ (सोमालिया और फिलीपींस), बोको हराम (नाइजीरिया), बांग्सामारो इस्लामिक फीडम फाइटर (फिलीपींस), जेमाह इस्लामिया (थाइलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया) मजलिस शूरा अल मुज्जाहिदीन ( मिस्र और गाजा पट्टी) और अब पाक तालिबान। दरअसल पाकिस्तान-अफगानिस्तान का व्यापक इलाका अमेरिका विरोध के लिए जाना जाता है और यहां की विशाल आबादी जेहाद के नाम पर हथियार उठाने के लिए भी तैयार है। जहां तक आईएस की बात है थोड़े ही समय में उसका भौगोलिक विस्तार जहां चौंकाने वाला है वहीं उसकी नृशंसता के ब्यौरे दहशत पैदा करने वाले हैं। पिछले दिनों कश्मीर में आईएस के झंड़े देखे जाने की बात सामने आई तो पश्चिम बंगाल के वर्द्धवान में बम विस्फोट की ताजा घटना को अल कायदा से जोड़कर देखा जा रहा है। जाहिर है कि भारत को अपने आसपास आतंकवाद के बढ़ते खतरे से चौकस होने की जरूरत है।

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