Friday, 2 January 2015

मजीठिया से ड्रग्स तस्करी में पूछताछ, मामला गंभीर है

ड्रग्स के धंधे में कथित लिप्तता को लेकर पंजाब के राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ से इतना तो साफ हो गया है कि पंजाब में ड्रग्स की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में मार्च 2013 में कनाडा के एक एनआरआई अनूप सिंह कहलों की गिरफ्तारी से छह हजार करोड़ के अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी का खुलासा हुआ था। ड्रग तस्करी में गिरफ्तार बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने नवम्बर में इस ड्रग रैकेट में विक्रम सिंह मजीठिया के शामिल होने का आरोप लगाया था। भोला के खुलासे के आधार पर अमृतसर के फार्मा कंपनी चलाने वाले नेता बिट्टू औलख और जगदीश सिंह चहल को भी पूछताछ कर गिरफ्तार किया गया था। विक्रम सिंह मजीठिया अकाली दल के कद्दावर नेता हैं। मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं और डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साले। पंजाब सरकार में महत्वपूर्ण राजस्व विभाग के मंत्री हैं। चहल के अनुसार मजीठिया ने भारत यात्रा के दौरान एनआरआई सत्ता को दो सुरक्षाकर्मी और एक ड्राइवर मुहैया कराया था। सूत्रों के मुताबिक मजीठिया को हवाला के जरिये 70 लाख रुपए दिए जाने के आरोप सामने आए हैं। चहल मादक पदार्थ बनाने के लिए एफेड्रिन और स्यूडोफिड्रेन कैमिकल की आपूर्ति करता था। रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में नशे के फैलते जाल का मुद्दा उठाया था। लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में मादक पदार्थ तस्करी को रोकने का भी मोदी ने वादा किया था और सत्ता में आने के बाद इस पर तेजी भी दिखाई है। आज पंजाब की स्थिति यह है कि हर 10 व्यक्तियों में चार पुरुष नशे के शिकार हैं। 50 फीसदी नशैड़ियों में युवा वर्ग और किसान हैं। 15  फीसदी करते हैं भुक्की का सेवन। 550 से 600 किलो तक हेरोइन का उत्पादन अफगानिस्तान में, 10 टन हेरोइन की तस्करी होती है भारत में। यहां से पाकिस्तान से लगी सीमा पर अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर सक्रिय हैं। तीन से चार लाख पंजाब में, आठ-दस लाख हेरोइन की कीमत दिल्ली में है और यही कीमत 16-20 लाख हो जाती है मुंबई पहुंच कर हेरोइन की। अब तक यह कहा जाता रहा है कि जानलेवा नशों की जकड़ जिस तरह से समाज में बढ़ रही है, वह किसी किस्म के राजनीतिक संरक्षण के बिना संभव नहीं है। लेकिन इस संबंध में सरकारी तौर पर बाकायदा किसी राजनेता से सवाल पूछे जाने का यह पहला मौका है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले चुनावों के दारन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की तो सभी उन पर ऐसे टूट पड़े जैसे उन्होंने पंजाब का घोर अपमान कर दिया हो। उस समय उनसे सार्वजनिक माफी की मांग करने वालों में भाजपा और अकाली दल के लोग सबसे आगे थे। यह भी दिलचस्प है कि उधर ईडी ने मजीठिया से पूछताछ शुरू की इधर भाजपा ने उनके खिलाफ कमर कस ली। एबीवीपी ने सड़क पर उतरकर मजीठिया से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। अगले ही महीने की 12 तारीख से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ड्रग्स के इस्तेमाल के खिलाफ वहां राज्यव्यापी अभियान शुरू करने वाले हैं। भाजपा की इन गतिविधियों की अहमियत इस बात से बढ़ जाती है पार्टी उस प्रांतीय सरकार में शामिल है जिसमें मजीठिया आज भी राजस्व मंत्री हैं। मजेदार बात यह भी है कि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने पाकिस्तान से मादक पदार्थों की तस्करी रोकने हेतु बीएसएफ पर दबाव बनाने के लिए पांच जनवरी से अंतर्राष्ट्रीय सीमा  पर धरना देने की घोषणा की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अकाली सारा दोष केंद्र पर मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि भाजपा अगला चुनाव अकाली दल के साथ लड़ेगी या उसके खिलाफ?
-अनिल नरेन्द्र


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