डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म
मैसेंजर ऑफ गॉड को मंजूरी के मुद्दे पर फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा सरकार के खिलाफ बगावत
करने से मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सेंसर बोर्ड अध्यक्ष लीला सैमसन समेत सभी
नौ सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। लीला ने पहले इस्तीफा भेजा था और उनके समर्थन में
शुक्रवार को सभी अन्य सदस्यों ने इस्तीफा भेज दिया है। सेंसर बोर्ड के सदस्य कह रहे
हैं कि हम दो साल से इस मुद्दे को उठा रहे थे। लीला सैमसन कोशिश कर रही थीं कि मंत्रालय
कुछ बदलाव करे। हम लीला के समर्थन में इस्तीफा दे रहे हैं। सरकारी दखलअंदाजी पर एक
सदस्य इरा भास्कर ने कहा कि दखलअंदाजी की जगह मैं कहूंगी कि हमें नजरअंदाज किया जा
रहा है। हमें पूरा साइड कर अपने आप में मिनिस्ट्री चलाई जा रही है, फिर तो यही बात हो गई कि वह अकेले ही
मिनिस्ट्री चला लें, सेंसर बोर्ड की क्या जरूरत है? बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने सरकार पर सेंसर बोर्ड के कामकाज में दखल देने
के आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। सैमसन ने इस्तीफे की वजह मैसेंजर ऑफ गॉड को
तो नहीं बताया लेकिन कहा कि एक सीईओ के जरिये मंत्रालय के सेंसर बोर्ड में दखल के हालिया
मामलों और पैनल के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से मैंने हटने का फैसला किया है। सेंसर
बोर्ड की एक मैम्बर नंदिनी सरदेसाई ने लीला का समर्थन करते हुए कहा कि बर्दाश्त की
भी हद होती है। नंदिनी ने कहा कि सभी बोर्ड मैम्बरों ने मैसेंजर ऑफ गॉड देखकर इसे क्लीयरेंस
न देने का फैसला किया था। इसके बावजूद दो लोगों के ट्रिब्यूनल ने 24 घंटे में उसे हरी झंडी दे दी जबकि इसमें कम से कम एक महीना लगता है। मेरा मानना
है कि इसी वजह से लीला नाराज हुईं। सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने
सफाई देते हुए कहा कि सेंसर बोर्ड के फैसलों से मंत्रालय हमेशा दूर रहा है। दबाव है
तो अध्यक्ष (लीला सैमसन) सबूत दिखाएं। उधर
गुरमीत राम रहीम का कहना है कि फिल्म में मैंने खुद को ईश्वर के रूप में पेश करने की
कोशिश नहीं की। मेरी फिल्म अंधविश्वास नहीं फैलाती। लीला सैमसन ने जवाबी हमले में कहा
कि हर फिल्म में मिनिस्ट्री का हस्तक्षेप होता है। पीके फिल्म के लिए भी बहुत प्रैशर
डाला गया था। थियेटरों में फिल्म रिलीज न होने के बावजूद डेरा की ओर से गुड़गांव में
फिल्म का प्रीमियर रखा गया। हजारों समर्थकों के बीच गुरमीत राम रहीम डार्ले डेविडसन
मोटर बाइक पर बैठकर पहुंचे। बाद में फिल्म का प्रदर्शन टाल दिया गया। इस दौरान विरोध
कर रहे 60 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली में भी शुक्रवार
को सिख संगठनों ने पिक्चर के रिलीज होने पर जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों की तादाद
में सिखों ने प्रदर्शन किया। गुरुद्वारा रकाबगंज से शुरू हुए इस मार्च को सेंसर बोर्ड
के ऑफिस तक जाना था लेकिन पुलिस ने बीच में ही रोक दिया। प्रदर्शन शिरोमणि अकाली दल
बादल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नेतृत्व में किया गया था। एमएसजी अभी
रिलीज भी नहीं हुई है लेकिन उससे सीक्वल पर काम शुरू हो चुका है। यह बात खुद शुक्रवार को अपनी फिल्म के
प्रीमियर पर राम रहीम
ने गुड़गांव में कही। सर्टिफिकेट न होने की वजह से आखिरी समय में कैंसिल हुए प्रीमियर
को उन्होंने कंसर्ट में बदल दिया। हजारों की संख्या में आए फैंस को बाबा ने मूवी के
चार गाने सुनाए और कुछ प्रोमो दिखाए। मूवी कब रिलीज होगी, इस
बारे में गुरमीत राम रहीम ने कुछ नहीं कहा। बाबा ने सरकार के लिए एक संकट खड़ा कर दिया
है। जाहिर है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय को सेंसर बोर्ड के इस्तीफे से पैदा हुए संकट
को जल्द निपटाना होगा।
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