Friday, 9 January 2015

आंतरिक सुरक्षा पर अनर्गल बयानबाजी

देश पर आतंकवाद का खतरा जबरदस्त तरीके से मंडरा रहा है। उत्तरी सीमा पर पाकिस्तान युद्ध जैसे हालात पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भारत के सीमावर्ती गांवों के नागरिकों को हर पल मौत का सामना करना पड़ रहा है। कई जानें जा चुकी हैं और इधर पाक की आतंकी नाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर इस मामले को जबरन सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार का कहना है कि मोदी सरकार इस मामले को बढ़ाचढ़ा कर पेश कर रही है। मामले में अब तक कई पहलू सामने आ चुके हैं और ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो सके कि गुजरात के पोरबंदर में समुद्री सीमा में संदिग्ध नाव एक बड़े आतंकी हमले का हिस्सा थी। उन्होंने भारतीय तटरक्षक बल के ऑपरेशन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अभी तक किसी तरह की बरामदगी नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से इस ऑपरेशन के बारे में और संदिग्ध नाव के पीछे शामिल आतंकी संगठन के नाम का खुलासा करने की मांग की है। क्या यह नाव मछुआरों की नाव थी जिसे आतंकी नाव बता दिया गया? वहीं कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर पाक को ऑक्सीजन दे रही है। जब 26/11 आतंकी हमला हुआ था, उस वक्त भी कांग्रेसी नेता अजीबोगरीब बयान दे रहे थे। वे संघ की ओर इशारा कर रहे थे। जब बटला हाउस मामला सामने आया तो आतंकवादियों की मौत पर सोनिया जी आंसू बहा रही थीं, ऐसा खुद उनके नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था। कांग्रेस-भाजपा में जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है वह किसी भी दृष्टि से सही नहीं। आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला यही बता रहा है कि हमारे देश में किस तरह आंतरिक सुरक्षा के मामले में भी संकीर्ण स्वार्थों की राजनीति करने से बचा नहीं जाता। सबसे गंभीर बात यह है कि ऐसा यह जानते हुए भी किया जाता है कि इससे उन तत्वों को ही बल मिलेगा जो भारत के लिए खतरा बने हुए हैं। निश्चित रूप से ये आरोप-प्रत्यारोप बहुत गंभीर हैं। ऐसे नाजुक दौर में जब पाकिस्तान चौतरफा भारत पर हमला बोलने में लगा हुआ है, वह आतंकियों को खुलेआम पनाह दिए हुए है, तो भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर सवाल उठाना राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने जैसा होगा। थोड़ी देर के लिए यदि इस तर्प को मान भी लिया जाए कि उस नाव के आतंकियों से संबंध नहीं थे, तो भी उसकी हरकतें संदिग्ध थीं ही। इस बात को स्वीकार करने में किसी को हिचक नहीं होनी चाहिए। समुद्र के बीच अपने को विस्फोटों से उड़ा लेने की घटना किसी आत्मघाती आतंकी ग्रुप का ही काम है। एक ड्रग्स से भरी नाव को ड्रग तस्कर उड़ाने से रहे? चाहे थल हो या जल, आत्मघाती दस्तों को पकड़ना लगभग असंभव होता है। इसलिए कांग्रेस का यह कहना कि आतंकियों को पकड़ना चाहिए था, बचकाना तर्प लगता है। देश की सुरक्षा, हमारे सुरक्षा बलों के मनोबल को ध्यान में रखते हुए इस तरह की अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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