Saturday 10 January 2015

शायद अब सामने आए सुनंदा की मौत की असल कहानी

सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत का मामला अब हत्या में दर्ज होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों को लगने लगा है हत्यारा जल्द कानून की पकड़ में होगा। जम्मू में रहने वाले सुनंदा के भाई अशोक कुमार का कहना है कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद बंधी है। उन्होंने दावा किया कि अब शशि थरूर की असलियत सामने आएगी। सुनंदा के भाई का दावा है कि उनकी बहन की मौत के पीछे शशि थरूर का हाथ है। सुनंदा पुष्कर की मौत के तकरीबन एक साल बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। एम्स ने 29 दिसम्बर को जो अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी थी उसके मुताबिक पुष्कर की मौत स्वाभाविक नहीं थी, उसकी वजह जहर था। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त भीम सेन बस्सी ने मंगलवार को कहा कि पुष्कर को इंजैक्शन के जरिये जहर देने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जहर की मात्रा व प्रकृति का पता लगाने के लिए विसरे की जांच के लिए विदेश भेजा जाएगा क्योंकि यह जांच भारत में संभव नहीं। रिपोर्ट में पहली बार इंजैक्शन से जहर की बात सामने आई है। मैडिकल बोर्ड ने तो पहली रिपोर्ट में भी सुनंदा की मौत जहर से होने की बात कही थी। इस रिपोर्ट को दिल्ली पुलिस ने उस समय स्वीकार नहीं किया था। तब बोर्ड ने दिल्ली पुलिस पर सहयोग न करने का भी आरोप लगाया था। उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी 2014 को पांच सितारा होटल लीला में सुनंदा की संदिग्ध मौत के समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और शशि थरूर मंत्री थे। उस समय भी पुलिस पर दबाव था कि वह कार्रवाई आराम-आराम से करे। तब यह बात सामने आई थी कि थरूर की पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से नजदीकी रिश्तों के कारण सुनंदा व थरूर के रिश्तों में तनाव आ गया था। सुनंदा का कातिल तलाशने में पुलिस भले ही विदेश में फोरेंसिक जांच की बात कर रही हो लेकिन शशि थरूर का कहना था कि मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि दिल्ली पुलिस ने मेरी पत्नी की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। यह कहने की जरूरत नहीं कि जिस तरह से इस मामले की जांच हुई है उससे मैं बेचैन हूं। मैं पुलिस को पूरा सहयोग करूंगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए एक साल बाद हत्या का मुकदमा दर्ज करने पर सवाल खड़े किए हैं। सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला ऐसे सवालों से घिर चुका है कि अब सिर्प तेज रफ्तार एवं विश्वनीय जांच ही दिल्ली पुलिस के केस में दम ला सकती है। शशि थरूर ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके कुछ पूर्व कर्मियों को मोहरा बनाकर उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है। दरअसल इस प्रकरण का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यही है कि यह मामला राजनीतिक रंग लेता लग रहा है। अत दिल्ली पुलिस के सामने यह बड़ी चुनौती है कि वह नेताओं की बयानबाजियों से जांच को न सिर्प अप्रभावित रखे बल्कि आमजन के बीच इस भरोसे को कायम रखे कि उसने जांच पर कोई बेजा असर नहीं पड़ने दिया। उम्मीद की जाती है कि दिल्ली पुलिस मामले की जड़ तक जाएगी और सुनंदा के कातिल या कातिलों का पर्दाफाश करेगी।

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