Wednesday 7 January 2015

ओबामा की यात्रा से पहले हमलों की खतरनाक आतंकी साजिशें

पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले देश में  बड़ा हमला करने की फिराक में है। इसी के चलते सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार फायरिंग की जा रही है। खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा समेत कुल आठ स्थानों पर आतंकी बड़ा हमला करने की साजिश रच रहे हैं। इस साजिश में पाक सेना भी इन जेहादी संगठनों का साथ दे रही है। मालूम हो कि बराक ओबामा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने भारत आ रहे हैं। पाकिस्तान की इसी नीति का एक नतीजा था 26/11 जैसे आतंकी हमले की साजिश। एक जनवरी को तड़के भारतीय कोस्ट गार्ड ने पोरबंदर से 365 किलोमीटर दूर भारतीय समुद्री सीमा में घुसी एक पाकिस्तानी नाव को रोका। इसमें विस्फोटक थे। कोस्ट गार्ड की घेराबंदी की वजह से नाव में सवार चार आतंकियों ने विस्फोट कर नाव को उड़ा दिया जिससे वह समुद्र में डूब गई। बढ़ते आतंकी खतरे के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार पिछले सात महीनों में आतंकी मंसूबे को रोकने में फिलहाल कामयाब रही है। सुरक्षा विशेषज्ञ इसका श्रेय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और बेहतर जवाबी कार्रवाई को देते हैं। कराची से विस्फोटकों से लदे जहाज के चलने की छोटी खुफिया सूचना को विकसित कर तटरक्षक बल को ठोस कार्रवाई के लायक पुख्ता जानकारी मुहैया कराना इसका ताजा उदाहरण है। अरब सागर में मौजूद सैकड़ों जहाजों के बीच आतंकी व विस्फोटकों से लदी नौका की पहचान कर उसे रोकने की सफलता हैरत की बात है और हम सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों को इस कामयाबी पर बधाई देना चाहते हैं। आंतरिक सुरक्षा से जुड़े गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद आतंकी खतरे में कई गुना इजाफा हुआ है। मोदी सरकार के आने के  बाद पुणे और बेंगलुरु में सिमी आतंकियों के कम क्षमता वाले विस्फोटों के अलावा कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है। यहां तक कि जम्मू-कश्मीर में भी सेना के कैंप पर हमले के अलावा लश्कर के मंसूबे भी कामयाब नहीं हो पाए हैं। गुजरात के करीब पाकिस्तानी नौका से आ रहे आतंकी मंसूबों को नाकाम करने में बड़ी भूमिका मुंबई हमले से मिले सबक की भी है। 26/11 के बाद देश की समुद्री सीमा पर निगरानी के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए। भारत ने पिछले छह सालों में नौसेना और तटरक्षक बल के 51 स्टेशनों को जोड़ा है, साथ ही भारतीय तट रेखा पर 36 रॉडारों का नेटवर्प भी तैयार किया है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर तटीय पुलिस केंद्र बनाए गए हैं। मानवीय सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए नौसेना और तटरक्षक बल के साथ ही जहाजरानी मंत्रालय ने तटीय इलाकों में भारतीय मछुआरों से जानकारी हासिल करने का इंतजाम भी दुरुस्त किया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के लिए आगामी दिन चुनौतीपूर्ण हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा पर यह जेहादी संगठन अपनी हरकतों से बाज आने वाले नहीं। हमें पूरी तैयारी रखनी होगी।

-अनिल नरेन्द्र

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