Saturday, 3 January 2015

बढ़ने लगी हैं रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें

सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा भूमि घोटाले में फंसते जा रहे हैं। दोनों हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार उन पर शिकंजा कसने लगी है। उनकी जमीन से जुड़े मामले की जांच कर रहे हरियाणा सरकार के दो अधिकारियों की समिति ने पाया है कि जिस समय वाड्रा को गुड़गांव के शिकोहपुर में विवादित जमीन मिली थी उस समय उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी के पास सीमा से अधिक भूमि थी। हरियाणा के लैंड रिकार्ड्स एंड कंसोलिडेशन ऑफ होल्डिंग्स के निदेशक और राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव ने सरकार को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा के पास वर्ष 2008 में 79 एकड़ जमीन थी। हरियाणा सीलिंग एक्ट 1972 के अनुसार एक परिवार या व्यक्ति अधिकतम 53.8 एकड़ जमीन ही अपने पास रख सकता है। अब राजस्व विभाग ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अनुमति मांगी है ताकि वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसमें दोनों अधिकारियों ने एक जैसी बातें कही हैं। यह रिपोर्ट हरियाणा राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंह को सौंपी गई है। यदि इन अफसरों की सिफारिशों को स्वीकार किया जाता है तो रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कानून के उल्लंघन का मामला बन सकता है और उन्हें दो साल की सजा तक हो सकती है। उधर मोदी सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा के विवादित जमीन सौदों और आर्थिक लेन-देन की जांच की दिशा में पहला कदम उठाया है। आयकर विभाग ने इससे जुड़ी पड़ताल शुरू कर दी है। एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि आयकर विभाग ने स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी के मुख्य अधिकारी को नोटिस भेजा है और उन्हें शुक्रवार को बुलाया है। स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी रॉबर्ट वाड्रा की फर्म है। इस फर्म के नाम डीएलएफ के साथ लेन-देन और कार्मिशयल लाइसेंस हासिल करने से जुड़े विवाद के केंद्र में है। फर्म से 2005-06 के बाद से उसकी आयकर सम्पत्तियों की खरीद या बिक्री के एग्रीमेंट का  ब्यौरा देने को कहा गया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आईटी डिपार्टमेंट ने स्काई लाइट और डीएलएफ के बीच हुई डील, फर्म और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के संबंध और हरियाणा में कार्मिशयल कॉलोनी लाइसेंस हासिल करने में खर्च की जानकारी मांगी है। स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी के पास हरियाणा में मानेसर में 3.5 एकड़ और राजस्थान के बीकानेर में 470 एकड़ जमीन है। रिपोर्ट के अनुसार फर्म से अचल सम्पत्ति की खरीद-बिक्री की डिटेल्स के अलावा लोन की डिटेल, बोर्ड मीटिंग के मिनट्स, डायरेक्टरों (जिनमें वाड्रा शामिल हैं) के बारे में जानकारी और फर्म से जुड़े अन्य पक्षों के बारे में जानकारी मांगी है। फर्म से डीएलएफ के लिए लोन के बारे में जानकारी देने और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के संबंधों को समझाने को कहा गया है। आईएस अशोक खेमका की आपत्ति के बाद वाड्रा लैंड डील मामले से गायब पन्नों का अलग मामला चल रहा है। इस मामले में जांच के लिए गठित कमेटी को 10 दिन का समय दिया गया था। सोमवार को यह समय पूरा हो गया है, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है। इन सब आरोपों, कार्रवाइयों के बीच कांग्रेस ने रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित मामलों को उठाते हुए कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद के खिलाफ किश्तों में मानहानि अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम पहले ही पूरी तरह से सब दिखा चुके हैं और कुछ भी नहीं बल्कि किश्तों में चलाया जा रहा मानहानि अभियान है.... यह कुछ नहीं बल्कि एक मुद्दे को खींचने वाली बात है जिसमें उच्चाधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति को  कोई अनियमितता नहीं मिली है। सिंघवी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गठित समिति ने कोई अनियमितता नहीं पाई थी। अब एक नई सरकार और नए मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कमान संभाली है और उसके बाद पहले वाली तीन अधिकारियों की जगह एक नई समिति का गठन किया गया है। यह कतई उचित नहीं है।

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