Thursday, 25 August 2016

दहशतगर्दी की वजह से दिवालिया होता जा रहा पाकिस्तान

कश्मीर में दहशतगर्दी को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान जिस ढंग से पैसे खर्च कर रहा है उससे उसका खजाना खाली होता जा रहा है। पिछले 15 साल में पाकिस्तान को आतंकवाद की वजह से पत्यक्ष और अपत्यक्ष तौर पर 11,800 करोड़ डॉलर (करीब 7.90 लाख करोड़ रुपए ) से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। बावजूद इसके वह अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे 2015-16 की रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर आतंकवाद की वजह से अलग-अलग क्षेत्र में हुए आर्थिक नुकसान का जिक किया गया है। आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान की साख में आई गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसे 2014-15 में 455 करोड़ डॉलर और 2015-16 में 204 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। अगर पिछले चार साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2009-10 में उसे 1356 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। जो 2010-11 में बढ़कर 2377 करोड़ डॉलर हो गया। 2011-12 में 1198 करोड़ डॉलर। 2012-13 में 997 और 2013-14 में 770 करोड़ डॉलर। यह आंकड़े पाकिस्तान की आर्थिक सर्वे fिरपोर्ट में दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन साल में 738 हमले किए हैं इन पाक समर्थित दहशतगर्दों ने। 2013 में 170 हमले हुए। 277 घुसपैठ के पयास हुए। 38 आतंकी मारे गए। 53 भारतीय जवान शहीद हुए और 15 नागरिकों की मौत हुई। 2014 में यह हमले बढ़े और 222 तक पहुंच गए। घुसपैठ के 222 पयास हुए और 52 आतंकी मारे गए। 47 जवान (हमारे) शहीद हुए और 28 नागरिक मारे गए। 2015 में 208 हमलों में 46 आतंकी मारे गए और 39 जवान शहीद हुए। 121 बार घुसपैठ हुई और 17 निर्दोषों की जान गई। 2016 में अब तक 138 हमले हुए हैं। 57 घुसपैठ और 5 आतंकी व 29 जवान शहीद हुए हैं। 4 नागरिक भी मारे गए हैं। कश्मीर में दहशतगर्दी को बढ़ावा देने के लिए अब पाकिस्तान ने खाड़ी के देशों में काम करने वाले कश्मीरियों को मोहरा बनाया है। उनके खातों में विदेश से पैसा भेजा जाता था और बाद में आतंकियों और पाकिस्तानी एजेंटों तक पहुंच जाता था। अमेरिका ने भी अब पाकिस्तान को देने वाली माली इमदाद पर रोक लगा दी है। पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी है। सारी दुनिया अब यह मानने पर मजबूर होती जा रही है कि दुनिया में दहशतगर्दी फैलाने में पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान आतंक की नर्सरी बन गया है। हां चीन अब भी पाकिस्तान की आर्थिक मदद कर रहा है और उसी से पाकिस्तान जिंदा भी है। पर अगर आतंकवाद को इसी स्पीड से पाकिस्तान बढ़ावा देता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पाक दिवालिया हो जाएगा।

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