Wednesday 24 August 2016

जांबाज कांस्टेबल आनंद सिंह के जज्बे को सलाम

बाहरी दिल्ली देहात में लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था ने इलाके के लोगों की नींद उड़ा दी है। लोग परेशान हैं कि घर-परिवार और समाज की उन्नति के लिए जुटने के बजाय युवा वर्ग अपराध की ओर बढ़ रहा है। हालत यह है कि अब खाकी का खौफ भी अपराधियों में नजर नहीं आता है। यही वजह है कि पुलिस वालों पर अकसर हमले होते हैं और शुक्रवार रात तो अपराधियों का मुकाबला करते हुए एक पुलिस सिपाही भी शहीद हो गया। बवाना इंडस्ट्रीयल एरिया में शुक्रवार देर रात बाइक सवार बदमाशों का मुकाबला करते हुए दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल आनंद सिंह (49) की जान चली गई। बदमाशों ने उन्हें नजदीक से गोली मारी। पुलिस वालों का नाम सुनते ही अकसर लोगों के दिमाग में नकारात्मक छवि ही बनती है, लेकिन कुछ पुलिस वाले वर्दी की इज्जत रखते हुए अपने काम को पूरी ईमानदारी से करने में भी नहीं हिचकते, चाहे ऐसा करने में उन्हें अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े। ऐसा ही वाकया शुक्रवार रात को दिल्ली के बवाना में नजर आया जब दिल्ली पुलिस के इस जांबाज कांस्टेबल ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जान की बाजी लगा दी, लेकिन बदमाशों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक हरियाणा के सोनीपत के जाटी कलां गांव में रहने वाले कांस्टेबल आनंद सिंह शुक्रवार रात बवाना के औद्योगिक इलाके के सेक्टर-5 में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, तभी उन्हें एक महिला के चिल्लाने और मदद मांगने की आवाज सुनाई दी। मीना नाम की यह महिला समोसा चौक के पास रेहड़ी लगाती हैं। मीना रात को दुकान बंद करके घर जा रही थीं, तभी मोटर साइकिल सवार तीन बदमाशों ने उसे लूटने की कोशिश की। उसने शोर मचाया तो पास ही गश्त कर रहे आनंद सिंह बदमाशों को पकड़ने लगे। इसी दौरान दोनों में धक्का-मुक्की हुई और आनंद ने एक बदमाश को पकड़ लिया। अपने साथी को पुलिस की गिरफ्त में देख दूसरे बदमाश ने आनंद पर गोली चला दी। गोली लगने के बाद आनंद सिंह नीचे गिर गए, लेकिन फिर उठकर बदमाशों का पीछा करने लगे तभी एक बदमाश ने उनके सिर पर हेलमेट मारकर उन्हें जमीन पर गिरा दिया। गंभीर रूप से घायल आनंद सिंह को महर्षि बाल्मिकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आनंद सिंह के जज्बे को सलाम किया है। दिल्ली सरकार ने शहीद होने वाले जांबाज पुलिसकर्मी के परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है जिसका हम तहेदिल से स्वागत करते हैं। नैतिकता, सामाजिकता व कानून को एकदम ताक पर रखकर नशे के आदी इन युवाओं के मन में न तो महिलाओं और न ही किसी बुजुर्ग की शर्म रह गई है। हम जांबाज कांस्टेबल आनंद सिंह के जज्बे को सलाम करते हैं और उनके परिवार को यह बताना चाहते हैं कि उनके दुख में हम भी शामिल हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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