Tuesday 12 September 2017

मैकडॉनल्ड्स के 169 आउटलेट्स पर लगा ताला

भारत में बच्चों के मोस्ट फेवरेट फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स के 169 आउटलेट्स छह सितम्बर को बंद हो गए हैं। मैकडॉनल्ड्स ने भारत में अपने पार्टनर कंपनी क्नॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) को 21 अगस्त को टर्मिनेशन नोटिस भेजा था और सीपीआरएल को पांच सितम्बर तक का वक्त दिया था। मैकडॉनल्ड्स इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि टर्मिनेशन नोटिस पीरियड पांच सितम्बर को खत्म हो गया। लिहाजा सीआरपीएल के पास मैकडॉनल्ड्स के सिस्टम और इसके इंटेलैक्चुयल प्रॉपर्टी राइट्स के इस्तेमाल का अधिकार नहीं रह गया है। इसका अर्थ यह है कि उन्हें मैकडॉनल्ड्स के नाम, ट्रेडमार्क, डिजाइन, ब्रांडिंग, ऑपरेशनल और मार्केटिंग प्रैक्टिस, नीतियां फूड रेसिपी और स्पांसरशिप का इस्तेमाल बंद हो गया है। मंगलवार को ही एक अन्य घटनाक्रम में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने सीपीआरएल के एमडी विक्रम बख्शी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट रद्द करने के मैकडॉनल्ड्स के कदम को चुनौती दी थी। मैकडॉनल्ड्स के इन आउटलैट्स के बंद होने का असर सीधे सात हजार लोगों पर पड़ेगा। एक झटके में सात हजार लोगों की नौकरी चली गई। गौरतलब है कि मैकडॉनल्ड्स के 43 रेस्तरां जून से ही बंद हैं। विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली सीपीआरएल और मैकडॉनल्ड्स इंडिया के बीच 2013 से विवाद चल रहा था। अगस्त 2013 में बख्शी को सीपीआरएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया गया था। इसके बाद बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी। जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फूड चेन को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया था। इसके बाद बख्शी इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट लेकर चले गए थे। सीपीआरएल में विक्रम बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच 50-50 की पार्टनरशिप थी। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में मैकडॉनल्ड्स आउटलेट बंद करने के फैसले के बाद फास्ट फूड चेन सब-वे को इसका सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। वहीं जुलाई में टॉप टेन क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स के बिल साइज में औसतन आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। कैरेट आईएमआरबी-क्राउनिट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक सब-वे के मार्केट शेयर में पांच फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई जबकि मॉल्स में बर्गर किंग और केएफसी की हिस्सेदारी में दो-दो फीसदी का इजाफा हुआ है। इसमें कोई शक नहीं कि यह जंक फूड अच्छा आहार नहीं माना जाता। पर हमें यह कहने में भी संकोच नहीं कि मैकडॉनल्ड्स की अपनी ही एक मार्केट व लोकप्रियता थी। खासकर युवाओं में।

-अनिल नरेन्द्र

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