Saturday 9 September 2017

इन कूड़े के पहाड़ों से छुटकारा कैसे पाया जाए?

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर स्थित कूड़े के ढेर के एक हिस्से के धंस जाने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शुक्रवार को दोपहर कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा धंसने के कारण पास की एक सड़क पर जा रही एक कार, एक स्कूटर और दो मोटर साइकिलें कोंडली नहर में गिर गईं। दो लोगोंöराजकुमारी और अभिषेक की मौत हो गई और चार अन्य को बचा लिया गया। पूर्वी दिल्ली का यह कूड़े का पहाड़ पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में आता है। कूड़े का यह विशाल ढेर 15 मंजिली इमारत जितना ऊंचा था। दिल्ली को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले राजमार्ग-24 के बगल में कूड़े का पहाड़ बरसों से कायम है। इसकी गंदगी और बदबू की वजह से आसपास के करीब दो किलोमीटर तक के निवासी परेशान रहते हैं। लंबे समय से इसे हटवाने या इसका कोई अन्य उपाय करने की मांग चल रही है। काफी गुहार के बाद कुछ समय पहले सरकार ने इसके ऊपर मिट्टी डालकर घास वगैरह लगाकर इसे एक दूसरी शक्ल देने की योजना बनाई थी, जिस पर काम भी शुरू हुआ था। लेकिन एक तो काम की गति इतनी धीमी है बता पाना कठिन है कि यह काम कब पूरा होगा। दूसरा कूड़ा डालना भी बंद नहीं हुआ। इस जगह पर रोजाना 25 हजार टन कचरा फेंका जाता है। बारिश की वजह से इसका एक हिस्सा धंस गया, जिससे काफी मलबा बगल की नहर और सड़क पर जा गिरा। मलबे का वजन इतना ज्यादा था कि सड़क से गुजर रही कई गाड़ियां भी नहर में जा गिरीं। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सामने आई है। नगर निगम को चाहिए था कि कूड़े से निपटने के लिए कोई वैज्ञानिक तौर-तरीका अपनाए। लेकिन समय रहते इस बारे में कुछ सोचा ही नहीं गया। उम्मीद की जानी चाहिए कि नगर निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार कम से कम इसकी सुध लेगी। सरकार को चाहिए कि किसी विशेषज्ञ दल से राय-मशविरा कर जितना जल्द से जल्द हो सके इसका कोई स्थायी समाधान तलाशे, ताकि आगे किसी ऐसी दुर्घटना से बचा जा सके। साथ ही इस हादसे में जो लोग मारे गए हैं, नगर निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार को उनके लिए यथोचित मुआवजा वगैरह भी देना चाहिए। दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। स्थिति यह है कि गाजीपुर स्थित लैंडफिल साइट पर कूड़ा डालने की अवधि करीब 10 वर्ष पहले पूरी हो जाने के बावजूद अभी तक यहां कूड़ा डाला जा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति भलस्वा और ओखला स्थित लैंडफिल साइटों पर भी है। बता दें कि दिल्ली में प्रतिदिन 10 हजार टन कूड़ा निकलता है। 50 मीटर से ऊपर पहुंच चुकी है लैंडफिल साइटों की ऊंचाई। यह 56 एकड़ क्षेत्रफल में फैल चुका है। स्थिति गंभीर है, समाधान अविलंब होना चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment