Saturday, 23 September 2017

कितनी सुरक्षित हैं दिल्ली की सड़कें पैदल यात्रियों के लिए

राजधानी दिल्ली की सड़कें पैदल यात्रियों के लिए कितनी सुरक्षात हैं जानलेवा हादसों से साबित होता है। तमाम दावों के बावजूद दिल्ली में पैदल यात्रियों के साथ जानलेवा सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। वर्ष 2016 में हुई कुल जानलेवा दुर्घटनाओं में से पैदल यात्रियों के साथ हुए हादसों का प्रतिशत 42.9 रहा। वर्ष 2015 में जहां 684 पैदल यात्री मारे गए थे, वहीं 2016 में भी यह आंकड़ा 1683 तक जा पहुंचा। इस वर्ष अगस्त माह तक ही पैदल यात्रियों की मौत का आंकड़ा 500 को पार कर चुका है। ट्रैफिक पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पैदल यात्रियों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं की मुख्य वजह वाहनों की तेज रफ्तार, सड़कों की गलत बनावट, सड़कों पर रोशनी के उपायों की कमी होना है। इसके अलावा रात में सड़कों पर फुटपाथ पर लोगों का सोना व पुलिस की मौजूदगी कम होने से वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की परवाह नहीं करते। ट्रैफिक लाइट्स बंद होने से भी यह समस्या बढ़ जाती है। सड़क पार करने के लिए दिल्ली में पर्याप्त पैदल यात्री संकेतक नहीं हैं। पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से रोड पार कर सकें, उसके लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेलिकॉन सिग्नल लगाने चाहिए। मगर अभी तक ऐसा नहीं हो पाया। दिल्ली में करीब 50 पेलिकॉन सिग्नल काम कर रहे हैं और इतने ही खराब पड़े हैं। पेलिकॉन सिग्नल से वाहन चालकों का समय बचेगा, साथ ही पैदल यात्री सुरक्षित तरीके से सड़क पार कर सकेंगे। दिल्ली की करीब 70 सड़कें ऐसी हैं, जहां सेंट्रल वर्ज टूटे हैं या फिर ग्रिल गायब हैं। इन्हीं जगहों पर दुपहिये वाहन चालक और पैदल यात्री शॉर्टकट लगाने का प्रयास करते हैं। संकेतक रहित करीब 480 चौराहों पर भी पैदल यात्रियों के लिए बड़ा खतरा है। कई चौराहों पर जेबरा क्रॉसिंग, स्टॉप लाइन व पैदल यात्री थम संकेतक गायब हैं। चौराहों पर पर्याप्त संकेतक न होने के कारण पैदल यात्री हादसे के शिकार होते हैं। यहां बसों में शाम के समय जल्द से जल्द स्टॉप पर पहुंचने की होड़-सी लग जाती है। जल्दी पहुंचने के चक्कर में यह भी नहीं देखते कि अमुक व्यक्ति सड़क पार कर रहा है। उन्हें मालूम है कि अगर वह उस पर बस सढ़ा भी देते हैं तो कोई बड़ा खामियाजा उन्हें नहीं भुगतना पड़ेगा। आए दिन इन बेतहाशा रफ्तार से चलने वाली बसों के पैदल चलने वाले शिकार होते हैं। पैदल यात्रियों के साथ होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए दिल्ली सरकार और टैफिक पुलिस ने पांच वर्ष पहले सभी सड़कों पर फुटपाथ व ब्रिज, सब-वे, पैदल यात्री संकेतक, यात्रियों के लिए सुविधाजनक फुटपाथ, सड़क के मध्य ग्रिल और एस्कलेटर बनाने की घोषणा की थी मगर पांच वर्षों बाद भी इनमें से एक भी काम पूरा नहीं हुआ है।

-अनिल नरेन्द्र

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