Thursday 29 March 2018

युद्ध से कम नहीं कर्नाटक चुनाव

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख घोषणा के साथ ही विवाद भी खड़ा हो गया है। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे और चुनाव के नतीजों की घोषणा 15 मई को की जाएगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखें चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही लीक होने से बवाल खड़ा हो गया है। गौरतलब है कि भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव आयोग की ओर से कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित करने से पहले ही मंगलवार को इस चुनाव की तारीखें ट्वीट कर दी थीं। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर कहा कि भाजपा सुपर चुनाव आयोग बन गई है क्योंकि उन्होंने चुनाव आयोग से पहले ही चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी। चुनाव आयोग की साख दांव पर है। क्या संवैधानिक संस्थाओं का डाटा भी भाजपा चुरा रही है। हमें समझ नहीं आया कि भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ऐसा क्यों किया? अगर किसी भी तरीके से उन्हें चुनाव की तारीखों का पता भी चल गया था तो उन्हें खामोश रहना चाहिए था। खैर जो होना था हो गया। कर्नाटक के चुनाव किसी युद्ध से कम नहीं दिखते। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने जैसा संवेदनशील और राजनीतिक फैसला करके अपनी मंशा साफ कर दी है। वह हर पत्ता आजमाने को तैयार हैं। ऐसे में भाजपा के दो शीर्ष नेतृत्व अलग-अलग मोर्चे पर घेराबंदी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां सार्वजनिक रैली के जरिये जनता को संबोधित करेंगे, वहीं अमित शाह ने जमीनी स्तर पर कमान संभाल ली है। दरअसल शाह कांग्रेस के लिंगायत कार्ड का तोड़ ढूंढने कर्नाटक पहुंचे हैं। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भाजपा के परंपरागत वोट बैंक समझे जाने वाले लिंगायत-वीर शैव समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए उन्हें धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने को लेकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। इसे सिद्धारमैया का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सबसे पहले दुमकुर स्थित सिद्धगंगा मठ पहुंचे और श्री श्री शिव कुमार स्वामी का आशीर्वाद लिया। यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण लिंगायत और दलित समुदाय के मठों का दौरा है जिसके सहारे शाह राज्य के वोटर्स का मन टटोलने कर्नाटक पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इन मठों की यात्रा से शाह न सिर्प राज्य में लिंगायत और दलित वर्ग के गुरुओं का रुख जानेंगे, बल्कि इस बात का संदेश भी देंगे कि हर चुनाव की तरह इस बार भी लिंगायत समुदाय के वोटर भाजपा को ही अपना समर्थन दें। गौरतलब है कि भाजपा ने लिंगायत समुदाय के इसी वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित करना पड़ा है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं जिसे राज्य की करीब 100 सीटों पर निर्णायक वोट बैंक माना जाता है। कर्नाटक में अपनी चार दिवसीय जन-आशीर्वाद यात्रा के अंतिम दिन मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस देश के संस्थानों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। राहुल ने कहा कि यदि हम केंद्र की सत्ता में आए तो मौजूदा जीएसटी को एक कर बनाने का प्रयास करेंगे और उसकी एक उचित सीमा तय करेंगे। इतना तय है कि युद्ध से कम नहीं होगा कर्नाटक विधानसभा चुनाव।

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