Sunday, 11 March 2018

नहीं थमेगी दिल्ली में सीलिंग

दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से राहत मिलने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजधानी के मास्टर प्लान-2021 में संशोधन करने पर रोक लगा दी है। इन संशोधनों के जरिये केंद्र सरकार दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से राहत देने की तैयारी कर रही थी। अब तमाम बाजारों के साथ-साथ आवासीय क्षेत्रों में चलने वाली व्यावसायिक गतिविधियां भी सीलिंग के निशाने पर हैं। दिल्ली में पिछले साल 22 दिसम्बर से बाजारों में सीलिंग अभियान की शुरुआत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर निगरानी समिति की अगुवाई में ढाई महीने के अंदर 2500 से ज्यादा सम्पत्तियां सील की गई हैं। इसके विरोध में व्यापारियों का आंदोलन, धरना प्रदर्शन जारी है। राहत के लिए केंद्रीय शहरी विकास विभाग की पहल पर डीडीए ने प्रक्रिया शुरू की। इसी आधार पर डीडीए द्वारा राहत का एक मसौदा तैयार किया गया था। लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मसौदे के विपरीत रुख जाहिर किया। सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान-2021 को लागू करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद राजधानी के सभी प्रमुख बाजार सीलिंग की जद में आ गए हैं। दरअसल दिल्ली के लगभग सभी बाजारों में ऐसे व्यवसायिक प्रतिष्ठान कम ही हैं जहां पर भवन नियमों व भू-सम्पत्ति अधिनियम का किसी न किसी रूप में उल्लंघन नहीं किया गया हो। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जो सवाल किए हैं, वह काफी तीखे हैं और इसी वजह से डीडीए एफिडेबिट देने में देरी कर रही है। डीडीए ने इन संशोधनों के लिए किसी तरह का होमवर्क नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में पूछा है कि इन संशोधनों का दिल्ली के पर्यावरण पर क्या और कितना असर पड़ेगा? क्या पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने के पहलू पर विचार हुआ है? क्या लोगों को नागरिक सुविधाएं, विशेषकर पानी उपलब्ध कराया गया है? सीवर व कचरा निस्तारण व बिजली आपूर्ति के पहलू पर विचार हुआ? क्या इमारत की सुरक्षा के पहलू पर विचार हुआ? क्या सभी इमारतों की सुरक्षा को लेकर कोई आकलन किया गया है? क्या दिल्ली की जनसंख्या घनत्व के पहलू पर विचार किया गया है? क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के पास 2006 से अब तक का दिल्ली के प्रदूषण का रिकार्ड है? क्या प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए? दिल्ली के व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से धक्का लगा है। अब वे प्रोटेस्ट के रूप में बाजार बंद करने की सोच रहे हैं। अधिकारियों की गलतियों के कारण व्यापारी तबाह हो रहे हैं।

-अनिल नरेन्द्रA

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