Saturday, 3 October 2015

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का बेबाक भाषण

28 सितम्बर को न्यूयॉर्प में संयुक्त राष्ट्र संघ की 70वीं जयंती अधिवेशन में बोलते हुए रूसी संघ के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बिना उसकी दबंग और मनमानी नीति को वर्तमान काल की आतंकवाद जैसी विकराल समस्या के लिए  दोषी ठहराया और विश्व के सभी राष्ट्रों के साथ मिलकर इस्लामी राज्य (इरा) समेत सभी आतंकवादी शक्तियों से संघर्ष करने के लिए कहा। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उन्होंने व्यापक मंच व मोर्चा बनाने की रूस की तत्परता को भी व्यक्त किया। अपने लगभग 23 मिनट के भाषण में राष्ट्रपति पुतिन ने उत्तरी अफ्रीका, सीरिया और सम्पूर्ण पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा कि यह उनकी नीति का परिणाम है जो आक्रमण के जरिये नापसंद शासनों का तख्ता पलटने, वहां अराजकता, हिंसा, मानव के मूल जीवन के अधिकार का हनन करते हैं, लाखों लोगों को घरबार छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर करते हैं। आप समझते हैं कि आपने क्या कर डाला? अमेरिका की ओर इशारा करते हुए पुतिन ने पूछा। उन्होंने याद दिलाया कि एक जमाने में क्रांति और विचारधारा के निर्यात के कारण पूर्व सोवियत संघ ने दुनिया के विभिन्न धर्मों में अस्थिरता और अराजकता फैलाई थी और आज शीतयुद्ध के उपरांत उभरे विश्व के एकमात्र सत्ता केंद्र (अमेरिका) द्वारा की गई गलती दोहराई जा रही है जब लोकतंत्र के निर्यात के बहाने इराक, लीबिया और स्थानीय शासनों को नष्ट करके, तबाही फैलाई गई है। इस निर्यात की पूर्ति के लिए आतंकवादी पाले गए, शुरू में इनका लक्ष्य नापसंद धर्मनिरपेक्ष सरकारों का तख्ता पलटना था परन्तु समय के साथ पैदा हुए इस्लामी राज्य में रोज हजारों जेहादी शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने वही बात खुलकर कह दी जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह रहे हैं। अमेरिका ने सेन जोजे में वहां एकत्रित हुए हजारों भारतीय मूल के भारतीयों को संबोधित करते हुए साफ कहा कि आतंकवाद को लेकर आधी-अधूरी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। उसने दुनिया के तमाम देशों और संयुक्त राष्ट्र से यह मांग की कि आतंकवाद को लेकर अलग-अलग नीति की बजाय एक नीति और धारदार कार्रवाई हो। यही नहीं, उसने अच्छे और बुरे आतंकवाद के  बीच विभाजन रेखा खींचने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि यह साफ होना चाहिए कि आतंकवाद क्या है और किसे हम आतंकवाद नहीं मानें? आतंकवाद के हां और न के बीच कोई भी स्पेस अगर हम छोड़ते हैं तो यह हम सबके लिए घातक होगा। इस तरह हम आतंकवाद को पनपने से कभी नहीं रोक पाएंगे। मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसे कठघरे में खड़ा कर दिया। आतंकवाद पूरी तरह परिभाषित हो प्रधानमंत्री की इस मांग पर अब सारी दुनिया गंभीर है। इसका एक प्रमाण हमें राष्ट्रपति पुतिन के भाषण से मिलता है। आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी की मुहिम रंग लाती नजर आ रही है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव वॉन की मून ने कहा है कि बढ़ते आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पूरी दुनिया को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारें अकेले यह काम नहीं कर सकतीं। इसके लिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा। आज आतंकवाद चाहे वह किसी भी रूप में हो किसी झंडे के तले हो दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है और इस समस्या से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने हिंसक आतंकवाद का मुकाबला करने पर नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि हिंसक आतंकवादी समूह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इससे किसी देश विशेष को ही नहीं बल्कि हर देश को खतरा है। हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन द्वारा आतंकवाद की जड़ को उजागर करने में स्पष्ट भाषण का स्वागत करते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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