Wednesday, 14 October 2015

गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध

शिवसेना के विरोध के चलते पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक गुलाम अली का मुंबई के बाद पुणे का कार्यक्रम भी रद्द हो गया है। शिवसेना के इस विरोध का समर्थन भी हो रहा है और विरोध भी। शिवसेना ने अपने विरोध को सही बताते हुए कहा है कि देश में सैनिक शहीद होते रहे और यहां आनंद उठाया जाता रहा, यह ठीक नहीं है। पार्टी ने कहा कि वह तब तक पाकिस्तान का बहिष्कार जारी रखेगी जब तक वह देश आतंकी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाता। युवा सेना (शिवसेना की युवा शाखा) के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। हम यहां आनंद नहीं उठा सकते, वह भी तब जबकि सीमा पर हमारे सैनिक कष्ट में हों। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम सभी को गुलाम अली के गीत पसंद हैं, लेकिन हमें  अपने सैनिकों के प्रति भी थोड़ी संवेदना रखने की जरूरत है। शिवसेना को कुछ फिल्मी हस्तियों से भी इस मुहिम में समर्थन मिला है। गायक अभिजीत, अशोक पंडित दोनों ने पाकिस्तानी कलाकारों, सिंगरों का भारत आने और शो करने का विरोध किया है। पंडित का कहना था कि इन पाकिस्तानी कलाकारों ने कभी भी पाकिस्तान प्रायोजित भारत के खिलाफ चल रहे आतंकवाद का विरोध नहीं किया, कभी भी इन्होंने यह नहीं कहा कि यह गलत हो रहा है और इसे रोकना चाहिए। कुछ समय पहले राज ठाकरे चुनावों में भले ही हार गए हों मगर उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी पाकिस्तानी कलाकारों का जमकर विरोध किया था। कुछ समय पहले महाराष्ट्र में पाकिस्तानी फिल्म बिन रोए की रिलीज का विरोध किया था। नतीजा यह हुआ कि फिल्म राज्य में रिलीज नहीं हुई। मनसे की फिल्म शाखा ने बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के विरुद्ध हल्ला बोल की घोषणा भी की थी। उन्होंने कहा कि वह किसी भी बॉलीवुड फिल्म में पाकिस्तानी कलाकारों को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस शाखा के प्रमुख अभय खोपकर ने मीडिया से कहा कि हम ऐसे किसी भी फिल्मकार को नहीं बख्शेंगे जो पाकिस्तानी कलाकार को अपनी फिल्म में लेगा। हम मानते हैं कि राजनीति और कला अलग-अलग चीजें हैं और हमें इन्हें मिलाना नहीं चाहिए पर पाकिस्तान की गतिविधियों को नजरंदाज भी तो नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान लगातार भारत पर हमले कर रहा है और हम हमेशा दोस्ती का हाथ बढ़ाते रहे हैं। ताली दोनों हाथों से बजती है। क्या पाकिस्तान या किसी भी पाकिस्तानी संगठन ने लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन को अपने देश आमंत्रित किया है? यह पाकिस्तानी कलाकार पैसा और शौहरत कमाने के लिए भारत आते हैं और फिर पाकिस्तान भाग जाते हैं। कुछ समय पहले राहत फतेह अली खान इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर 50 लाख रुपए लेकर पकड़े गए थे। वह दिल्ली के एक शादी समारोह में भाग लेने आए थे। हमारी फिल्मों पर पाकिस्तान में प्रतिबंध लगता है। हाल ही में फैंटम फिल्म पर इसलिए प्रतिबंध लगाया गया क्योंकि उसमें एक अदाकार की शक्ल और नाम लशकर--तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद से मिलता था। अगर पाकिस्तान भारतीय कलाकारों और फिल्मों पर प्रतिबंध लगाता है तो हम क्यों उनके कलाकारों को यहां पैसा और शौहरत कमाने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते? यही वजह है कि भारत-पाक क्रिकेट श्रृंखला नहीं हो पाई। अगर हम पाकिस्तानी क्रिकेट टीम यहां तक कि आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं तो पाकिस्तानी कलाकारों पर क्यों नहीं?

-अनिल नरेन्द्र

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