सीरिया और इराक व लीबिया में कोहराम मचा रहा आतंकी संगठन
इस्लामिक स्टेट (आईएस)
अब भारत में भी दस्तक देने लगा है। खुफिया ब्यूरो की एक ताजा रिपोर्ट
में बताया गया है कि आईएस ने बांग्लादेश में तो अपनी गतिविधियां चालू की ही हैं पर
इससे सटे पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में बड़े पैमाने पर पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों
में युवाओं से संगठन में भर्ती होने की अपील की गई है। कश्मीर में तो आए दिन आईएस के
झंडे लहराते कुछ कश्मीरी युवक तो नजर आते ही थे अब पश्चिम बंगाल में भी आईएस समर्थकों
ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। ये पोस्टर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद व नदिया जिले
में लगाए गए हैं। खुफिया एजेंसियों को शक है कि पश्चिम बंगाल में सक्रिय जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश भी नई भर्तियां आईएस को मजबूत
बनाने के लिए कर रहा है। पिछले हफ्ते इस्लामिक स्टेट ने भारत के पड़ोस में आतंकी दस्तक
दे दी है। इस कट्टर आतंकी संगठन की मानें तो इसने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के हाई
सिक्यूरिटी वाले राजनयिक इलाके में इतालवी मूल के एक सहायता कर्मी की गोली मारकर हत्या
कर दी है। चूंकि बांग्लादेश से लगती भारत की ज्यादातर सीमाएं खुली हुई हैं,
ऐसे में इस आतंकी संगठन के भारत में पैर पसारने की आशंका तेज हो गई है।
ऐसी ही एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएस त्यौहारों में राजस्थान और दिल्ली पर आतंकी हमला
कर सकता है। आपको बता दें, इस्लामिक स्टेट भारतीय युवाओं को रिझाने
के लिए सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहा है और हाल के महीनों में करीब
40 किशोर उसके झांसे में आ चुके हैं। चौंकाने वाली खबर यह भी है कि आईएस
के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बाकायदा एक मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा
रहा है कि सेल की आतंकी रोधी यूनिट ने आईएस के खिलाफ देश में यह पहली एफआईआर दर्ज की
है। सूत्रों की मानें तो मुकदमा करीब दो महीने पहले दर्ज किया गया और इसे बेहद गोपनीय
रखते हुए केवल गृह मंत्रालय को सूचना दी गई। गत दिनों खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया
था कि आईएस दिल्ली और आसपास के राज्यों में आतंकी हमले की योजना बना रहा है। इसमें
युवा शामिल हो सकते हैं। लिहाजा पुलिस ने युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर
दी है ताकि वे आईएस के सम्पर्प में न आएं। आतंकी संगठन से जुड़े तुर्की नागरिक भारत
के खिलाफ हमले में शामिल हो सकते हैं। खुफिया एजेंसियों की इस सूचना के आधार पर जांच
के लिए दिल्ली पुलिस ने आईएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक
आतंकी संगठन तेजी से भारत में जड़ें फैला रहा है। वह खास समुदाय को संगठन से जोड़ रहा
है। उनके निशाने पर ऐसे भारतीय युवा हैं जो विदेशों में रह रहे हैं और उसके सिद्धांत
से प्रेरित हैं। उधर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने एक निहायत विचलित करने वाला
खुलासा किया है। एफबीआई अधिकारियों ने पांच साल में ऐसी चार कोशिशों को नाकाम किया
है जिसके तहत रूस से लिंक वाले तस्करों के गैंग्स ने आईएस से डील करनी चाही थी। सबसे
ताजा मामला इसी साल फरवरी में सामने आया जब एक स्मगलर आईएस को सेसियम बेचने की फिराक
में था। इसकी थोड़ी-सी मात्रा ही सैकड़ों घरों और दफ्तरों को
विकिरण का असर डालने के लिए काफी होती है। अंडर कवर जांच को मोल्डोवा में केंद्रित
रखा गया था। मोल्डोवा पश्चिमी यूरोप में रोमानिया और यूकेन के बीच स्थित है।
2011 में द कोलोनल के छद्म नाम वाले एक रूसी शख्स के नेतृत्व में चलने
वाले ग्रुप ने बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम को सूडान के एक व्यक्ति को
बेचने की कोशिश की थी। इसके साथ डर्टी बम बनाने का ब्लू प्रिंट भी था। बताया जाता है
कि द कोलोनल रूस की इंटेलीजेंस एजेंसी में अफसर रह चुका है। इस कोशिश को मिडिल मैन
के घर पर छापा मारकर नाकाम किया गया था पर वह भागने में सफल रहा। अब यह पता लगाना मुश्किल
है कि ब्लैक मार्केट में उपलब्ध रूस की रेडियो एक्टिव सामग्री को तस्कर कहां आदान-प्रदान कर रहे हैं पर हमारी चिन्ता का विषय यह भी है कि आईएस अब भारत में पांव
जमाने का पूरा प्रयास कर रहा है जिसे हर कीमत पर हमें विफल करना है।
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