Sunday 25 October 2015

क्या पवित्र ग्रंथ के अनादर के पीछे विदेशी हाथ है?

पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी एक सोची-समझी रणनीति के तहत की जा रही है। केंद्र सरकार ने इस अनादर की हालिया घटनाओं पर कथित विदेशी हाथ होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पवित्र ग्रंथ के अपमान में राज्यभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। पंजाब पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि उसने गुरु ग्रंथ साहिब के कथित अपमान में संलिप्तता के आरोप में दा व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि दोनों आरोपियों को निर्देश और धन आस्ट्रेलिया और दुबई में मौजूद उनके आकाओं से मिल रहा है। जसविन्दर सिंह और रुपिन्दर सिंह को फरीदकोट जिले के बरगाटी गांव में सिखों के पवित्र ग्रंथ का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि दोनों भाइयों के फोन कॉल की जांच करने पर पता चला कि उन्होंने आस्ट्रेलिया तथा दुबई में रह रहे लोगों से बात की थी और इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया जाएगा। पंजाब में आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उनसे राज्य में शांति सुनिश्चित करने का आग्रह किया। गृहमंत्री ने उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनी और उनसे कहा कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से बात की है और दोनों ने राज्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की है। पंजाब में सिखों के पवित्र ग्रंथ के अपमान की घटनाओं से चिंतित गृहमंत्री ने सोमवार को बादल से बात की और उन्हें इन घटनाओं से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। राजनाथ सिंह ने बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पंजाब में हालात तथा प्रकाश सिंह बादल से हुई बातचीत की जानकारी दी। इसमें कोई संदेह नहीं कि पड़ोसी मुल्क की खुफिया एजेंसी जो ऐसे कामों के लिए बदनाम है भारत में अस्थिरता फैलाने की पूरी कोशिश कर रही है। कहीं मांस के टुकड़े की अफवाह उड़ाई जाती है तो कहीं दलितों पर अत्याचार किया जा रहा है। सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है पर कटु सत्य तो यह भी है कि यह विदेशी खुफिया एजेंसी अगर अपने मंसूबों में कामयाब है तो इसके पीछे देश के अंदर ऐसे तत्वों का भी हाथ है जो इसकी मदद करते हैं। इन मामलों की तह तक जाना चाहिए ताकि पता लग सके कि देश के अंदर ऐसे जयचन्द कौन हैं? इनका पर्दाफाश होना जरूरी है। केवल यह कहने से, विदेशी हाथ है, समस्या का हल नहीं।

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