Thursday, 31 March 2016

मनीष सिसोदिया ने दिया आम आदमी का बजट

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली का अब तक का सबसे बड़ा 46,600 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। सिसोदिया दिल्ली सरकार में वित्तमंत्री भी हैं। इस बजट को अगर आम आदमी का बजट कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हम यह इसलिए कह रहे हैं कि इस बजट में समाज के तकरीबन सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। सरकार ने खासतौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया है जिसका स्वागत होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन में कुल योजना मद का 57 फीसदी खर्च करने का पावधान रखकर करीब दो घंटे के मैराथन बजट भाषण में सिसोदिया ने यह साफ किया कि आम आदमी पार्टी सरकार की नजर में संसाधन बढ़ाना और सुधार के पावधान भी विकास हैं। उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी, बिजनेस को आसान कर और इलेक्ट्रोनिक्स टूल्स के इस्तेमाल की बदौलत सरकार सरकारी खजाने की बर्बादी रोकेगी। सरकार ने शिक्षा पर जोर देकर यह साफ किया है कि वह निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की दिशा में अग्रसर है। वह हर हाल में सरकारी स्कूलें का स्तर निजी स्कूलों के बराबर लाना चाहती है और इस दिशा में दिल्ली सरकार ने कुछ कदम उठाए भी हैं। मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या बढ़ाकर सरकार का स्वास्थ्य के क्षेत्र में निचले व निम्न वर्ग को सस्ती चिकित्सा देने का पयास सराहनीय है। इसके अलावा अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाकर जनता की निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम करना चाहती है। साथ ही सरकार का पयास है कि व्यवस्था ऐसी हो कि हर व्यक्ति को न केवल सही वक्त पर इलाज मुहैया हो सके पर वह सस्ता भी हो। पब्लिक ट्रांसपोर्ट दिल्ली के लिए अतिआवश्यक है। दो हजार नई बसों की खरीददारी का प्लान यह दर्शाता है कि सरकार दिल्ली की परिवहन व्यवस्था खासकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और सुदृढ़ करना चाहती है। ऐसा करने से एक ओर जहां लोगों को आने-जाने में आसानी होगी वहीं सड़कों पर निजी वाहनों का बोझ कम होगा। साथ ही ई-रिक्शा पर सब्सिडी की राशि 15 से बढ़ाकर 30 हजार रुपए की घोषणा से पदूषण कम करने के लिए सरकार की चिंताओं का भी पता चलता है। महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। इसको मजबूत करने के लिए मार्शल तैनात करने और बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी घोषणा की गई है। तमाम विधानसभा क्षेत्रों में मोहल्ला रक्षक दल बनाने की प्लानिंग से यह पता चलता है कि सरकार हर कीमत पर सभी नागरिकों की सुरक्षा के पति संवेदनशील है। दिल्ली सरकार ने पहले बिजली और फिर पानी पर राहत देने के बाद अब वैट में दिल्ली वालों को कई मोर्चों पर राहत दी है। यह राहत न सिर्प आम जनता के लिए बल्कि इससे दिल्ली के कारोबारी भी खुश होंगे। वैट की असमान पणाली की वजह से देश के दूसरे राज्यों में कारोबार शिफ्ट हो रहा था। वैट की दरों में कमी लाने से इसे रोका जा सकता है और दिल्ली का कारोबारी स्वरूप फिर सामने आएगा। वित्तमंत्री ने बताया कि दिल्ली के कारोबारियों के लिए जहां एक तरफ पकिया को आसान व आधुनिक बनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ आम जनता के हाथों में निगरानी की कमान दी जा रही है। वित्तमंत्री ने कई नई योजनाओं की भी घोषणा की। स्कूलों में 5300 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। गेस्ट टीचरों को स्थाई करने के लिए 9623 पद सृजित होंगे। कामकाजी महिलाओं के लिए 3 नए होस्टल शुरू होंगे। 1000 मोहल्ला क्लीनिक के लिए टेंडर पकिया शुरू। 100 नए क्लीनिक और पॉली क्लीनिक खोले जाएंगे। 2017 तक दिल्ली के हर घर को स्वच्छ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। टेंडर माफियाओं का राज खत्म किया जाएगा। कुल मिलाकर मनीष सिसोदिया का यह बजट आम आदमी का बजट कहा जाएगा।

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