Friday 18 March 2016

महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम भुजबल गिरफ्तार

करोड़ों रुपए के महाराष्ट्र सदन घोटाले में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पॉलिसी को दर्शाता है। हाल के वर्षों में कई उच्च स्तरीय राजनेताओं की गिरफ्तारी यह संकेत भी देती है कि आप अपनी पोजीशन, रुतबे से अब बच नहीं सकते। छगन भुजबल कोई साधारण नेता नहीं हैं। वह महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं। मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले एनसीपी नेता से कई घंटों पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली के महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित घोटाले के सिलसिले में भुजबल को 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में उनके भतीजे और पूर्व सांसद समीर भुजबल को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बेटे पंकज से भी पूछताछ हो चुकी है। भुजबल और अन्य लोगों के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करके जांच की जा रही है। महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छगन भुजबल, पंकज, समीर और अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाले में चार्जशीट दाखिल की। नए महाराष्ट्र सदन का निर्माण 100 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। भाजपा सांसद किरीट सोमैया की शिकायत के बाद ईडी ने भुजबल के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी ने भुजबल परिवार की मुंबई और नवी मुंबई में दो प्रॉपर्टी सील कर 114 करोड़ रुपए की रिकवरी भी कर ली है। छगन भुजबल सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पूछताछ के लिए हंसते हुए पहुंचे थे, लेकिन मंगलवार को कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए। भुजबल ने आरोप लगाया कि वह भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार की बदले की राजनीति का शिकार हुए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भुजबल ने पेशी के दौरान रोते हुए कहाöमेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है। मैंने उनके सारे सवालों के जवाब दे दिए हैं। मैंने 50 साल तक समाज की सेवा की है। लेकिन उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया है। अच्छा काम करना क्या अपराध है? बता दें कि छगन के बेटे पंकज के नाम पर नासिक में 100 करोड़ रुपए का बंगला है। पुणे में भी करोड़ों की प्रॉपर्टी है। भुजबल पर दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में करीबियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन्होंने 52 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट 152 करोड़ रुपए में दिया। बचपन में छगन भुजबल मुंबई के मायखाला सब्जी मंडी में अपनी मां के साथ सब्जी और फल बेचा करते थे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद वह पहले बाल ठाकरे की शिवसेना से जुड़े और 1991 में कांग्रेस में चले गए। बाद में शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए।
-अनिल नरेन्द्र


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