Sunday 6 March 2016

एक थी नीरजा

गत दिनों नीरजा फिल्म देखी। निस्संदेह यह एक बहुत अच्छी फिल्म है। मनोरंजन, भावुकता व मार्मिकता के गणित में फिल्म नीरजा अपनी खास छाप छोड़ती है। नीरजा एक सत्य घटना को बयां करती है। वर्ष 1986 की एक घटना का नक्शा खींचा गया है। भारत की नीरजा वह बहादुर एयर होस्टेस थी, जिसने पांच सितम्बर 1986 को अपनी जान की बाजी लगाकर पैन एम फ्लाइट 73 के 359 यात्रियों की जान बचाई थी। मुंबई से न्यूयार्प जा रही पैन एम-73 फ्लाइट को कराची में चार आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था। एयर होस्टेस नीरजा भनोट ने अपनी समझदारी और साहस से 359 यात्रियों की जान बचाई थी। हालांकि अंत में वह बच्चों को बचाते-बचाते आतंकियों की गोली का खुद शिकार हो गई। फिल्म में नीरजा का रोल सोनम कपूर ने बखूबी निभाया है। बहुत से उनके प्रशंसक दावा करते हैं कि यह उनकी जिंदगी की सबसे अच्छी परफार्मेंस है। इस घटना के दो दिन बाद नीरजा का जन्मदिन था और वो घर से अपनी मां रमा (शबाना आजमी) से यह कहकर निकली थी कि उसे उपहार में पीले रंग का सूट चाहिए। नीरजा को यह उपहार मिला तो, लेकिन उस ताबूत के साथ जो कराची से हिन्दुस्तान आया था। पैन एम फ्लाइट कराची में उतरती है। यहां थोड़ी देर रुक कर विमान को आगे फ्रेंकफ्रंट के लिए जाना है। विमान से उतरने की तैयारी यात्री कर ही रहे होते हैं कि कुछ आतंकी हमला बोल देते हैं और विमान का अपहरण कर लेते हैं। नीरजा पहले तल पर बने कॉकपीट में बैठे विमान चालक को विमान अपहरण की सूचना दे देती है। चालक दल भाग जाता है, जिससे आतंकियों के मंसूबों पर पानी फिर जाता है। चालक दल को वापस पाने के लिए आतंकी यात्रियों और विमान के स्टाफ के साथ कूर व्यवहार करते हैं। नीरजा उन्हें समझाने का प्रयास करती है। वह यात्रियों की मदद करती है। घंटों बीत जाते हैं। आतंकी एक-दो लोगों को और मार देते हैं। पाक सेना विमान पर हमला बोल देती है और मौका पाकर नीरजा विमान का गेट खोलकर यात्रियों को वहां से निकाल देती है। नीरजा का किरदार प्रेरणादायक है। ऐसी सूरत में जब उसकी मां रमा (शबाना आजमी) उससे बार-बार नौकरी छोड़ने को कहती है। रमा बेटी नीरजा से कहती है कि संकट की घड़ी में पहले अपनी जान बचाए लेकिन नीरजा ऐसा नहीं करती। एक्ट्रेस सोनम कपूर अभिनेता फिल्म निर्माताओं को लगता है कि अकादमी अवार्ड्स 2016 के लिए फिल्म को भारत की ओर से प्रविष्टि मिलनी चाहिए थी। फॉक्स स्टूडियो के सीईओ विजय सिंह ने कहाöमेरे ख्याल में यह फिल्म भेजने लायक थी... इससे भारत को गर्व होगा। इसको इस साल के ऑस्कर के लिए भेजा जाना चाहिए।
-अनिल नरेन्द्र



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