Thursday, 10 March 2016

आतंकियों का अड्डा बने मदरसे

अंतत पाकिस्तान ने कबूला है कि आतंकियों का अड्डा बन गए हैं यह मदरसे। पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अफगान-पाक सीमा और कबायली इलाकों, खासतौर पर उत्तरी वजीरिस्तान के इर्द-गिर्द स्थित मदरसे आतंकी गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए अफगान शरणार्थियों को जिम्मेदार ठहराया, जो 9/11 के बाद अमेरिका द्वारा तालिबान को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद देश में घुस गए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने इस हफ्ते रक्षा लेखकों के एक समूह से कहाöइन मदरसों के पास कल्पना से परे आतंक का ठोस बुनियादी ढांचा है। यह बम बनाने का कारखाना चला रहे हैं। यह आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र हैं और इनमें फिदायीन हमलावरों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह सब मस्जिद के अंदर बहुमंजिला तहखाने में होता है। उन्होंने कहाöमुझे याद है कि मिशन शाह में मैं एक मस्जिद में गया था। बाहर से हमें कुछ नहीं दिखा। लेकिन अंदर 70 कमरों का तीन मंजिला तहखाना था। जिसमें चार-पांच आईईडी कारखाने, चार-पांच फिदायीन प्रशिक्षण केंद्र, संचार नेटवर्प, खास कमरे, सम्मेलन कक्ष, अद्भुत बुनियादी ढांचा था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में कैसे आतंक के बुनियादी ढांचे की गहरी जड़ें विकसित हो गई हैं। अजीज ने अनुमान लगाया कि उत्तरी वजीरिस्तान में इस तरह के बुनियादी ढांचे वाली 30-40 मस्जिदें हैं। उत्तरी वजीरिस्तान में जून 2014 में पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन जर्ब--अज्ब शुरू किया था। अफगान-पाक सीमा से लगे पाकिस्तान के कबायली इलाकों में सात एजेंसियां हैं और उत्तरी वजीरिस्तान उनमें से एक है। वाशिंगटन में हुए अमेरिका-पाकिस्तान सामरिक वार्ता में शिरकत करने आए अजीज ने कहाöहमारे अनुमान के मुताबिक खासतौर पर इन एजेंसियों में इतने आईईडी कारखाने थे कि अगर यह बिना रुकावट के चलते रहते तो जिस तरह के हमले वे करते रहे हैं उसके लिए उनके पास अगले 20 साल के लिए पर्याप्त आईईडी थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की यह समस्या हमें 9/11 के बाद विरासत में मिली जब लोग सीमा पार से हमारी तरफ आ गए और वे हमारे लिए एक खतरा बन गए, क्योंकि वह दुनिया के अपने हिस्से पर अपनी पकड़ खो बैठे थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हमारी कबायली पट्टी बहुत बड़ी है और बहुत खुला क्षेत्र है। शुरू में वह शरण मांगने आए थे। लेकिन उन्होंने कबायली नेताओं को कत्ल किया, फिर उन्होंने अपना संचार नेटवर्प, आईईडी कारखाने, फिदायीन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने शुरू कर दिए। यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि कुछ मदरसे आतंक का केंद्र हैं।

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