Saturday, 5 March 2016

चिदम्बरम ने खड़ा किया पार्टी के सामने मुसीबतों का पहाड़

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी मंगलवार को भले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम के बचाव में खुलकर सामने आ गई हों, लेकिन चिदम्बरम से जुड़े हालिया तीन घटनाक्रमों ने कांग्रेस को बैकफुट पर आने को मजबूर जरूर कर दिया है। पहला मसला है चिदम्बरम का इंटरव्यू। ऐसे समय जब केंद्र सरकार और भाजपा सम्पूर्ण विपक्ष को राष्ट्रद्रोही बनाम देशभक्ति के मुद्दे पर घेरने की पुरजोर कोशिश में है, चिदम्बरम ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर नाइत्तेफाकी का इजहार कर पूरी पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। चिदम्बरम ने कहा कि अफजल पर फैसला शायद ठीक नहीं था। उसे बिना पेरोल के उम्रकैद की जा सकती थी। जब चिदम्बरम से पूछा गया कि आप भी तो उस सरकार के हिस्सा थे जिसने अफजल को फांसी दी थी तो उन्होंने कहा कि वह उस समय गृहमंत्री नहीं थे। इस इंटरव्यू के बाद कांग्रेस को सफाई देनी पड़ी कि यह चिदम्बरम की व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं। दूसरा मामला है इशरत जहां केस का। ताजा मामला इशरत जहां कांड में आए अफसरों के बयानों का है जिससे संदेश जा रहा है कि इशरत को आतंकी न बताने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम का दबाव था। पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने यहां तक कहा कि आईबी के अधिकारियों के खिलाफ बयान देने के लिए तैयार न होने पर उन्हें जलती सिगरेट से जलाया गया। तीसरा और कुछ दृष्टि से महत्वपूर्ण मामला है उनके बेटे की सम्पत्ति के खुलासे का। एक अखबार में रिपोर्ट छपी कि चिदम्बरम के बेटे कार्ति की 14 देशों में सम्पत्तियां हैं। 16 दिसम्बर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मारे गए छापे में जो दस्तावेज मिले, उन्हीं से पता चलता है कि कार्ति ने गलत तरीके से कमाई की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम पर जो आरोप लगे हैं वह गंभीर हैं और अब सियासी मुद्दा बन चुके हैं। मुमकिन है कि इन्हें गरमाने में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी दलों की भी भूमिका हो। मसलन, ऑल इंडिया अन्ना डीएमके के सदस्यों ने कार्ति पर लगे आरोपों को लेकर दो दिनों तक संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। एयरसेल-मैक्सिस सौदे में कार्ति से जुड़ी कंपनियों की भूमिका पहले से जांच के दायरे में है। ताजा विवाद एक अंग्रेजी अखबार में यह खबर छपने के बाद उठा कि कार्ति ने कई देशों में जमीन-जायदाद में भारी निवेश किया है। तमिलनाडु में दो महीनों के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने वहां फिर से डीएमके से गठजोड़ किया है। ऐसे में अन्ना डीएमके इस मुद्दे को हवा दे तो आश्चर्य नहीं होगा। चिदम्बरम के कारनामों की वजह से कांग्रेस पार्टी आज कठघरे में खड़ी है। कांग्रेस पार्टी के हित में होगा कि मामलों की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच हो।

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