Thursday 31 March 2016

इजराइल बंधकों के बदले कसाब को छुड़ाने की योजना थी

दाउद गिलानी उर्फ डेविड हेडली से 26/11 मुंबई हमले के मामले में जिरह के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं। मुंबई सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जीए सानरपा की अदालत में जिरह के तीसरे दिन हेडली ने बताया कि मुंबई हमले के दौरान चाबाड़ हाउस में घुसे आतंकियों को इजराइली बंधकों के बदले जिंदा पकड़े गए अजमल कसाब को रिहा कराने का निर्देश कराची से मिला था। लश्कर--तैयबा के आतंकी डेविड हेडली ने शुकवार को 26/11 मामले में जिरह के दौरान यह खुलासा किया। उससे 26/11 आतंकी हमले के एक अन्य साजिशकर्ता अबू जुंदाल के वकील वहाद खान जिरह कर रहे हैं। अमेरिका से वीडियो कांपेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हेडली ने कहा कि आईएसआई से जुड़े रहे लश्कर कमांडर साजिद मीर ने उसे यह बात बताई थी। हेडली के मुताबिक मीर ने आतंकियों से कहा था कि इजराइली बंधकों के बदले अजमल कसाब को रिहा करने की शर्त रखी जाए। लेकिन कसाब को छोड़कर बाकी सारे आतंकी मारे गए। हेडली जन्म के बाद 17 वर्ष तक लाहौर में रहा, फिर अमेरिका आ गया। मुंबई हमले में गिरफ्तार हेडली का सबसे बड़ा खुलासा यह था कि लश्कर की साजिश को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूरा वित्तीय, सैन्य और नैतिक समर्थन था। ताज, ओबराय, ट्राइडेंट लियो पोल्ड कैफे, नरीमन हाउस , सोएन टी स्टेशन की हेडली ने रेकी की बात भी स्वीकारी। उसका कहना है कि उसकी सलाह पर सिद्धि विनायक मंदिर, नौसेना ठिकाने को निशाना न बनाने का फैसला किया गया। हेडली ने यह भी बताया कि 26/11 हमलों के कुछ हफ्तों बाद तत्कालीन पाक पधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी उसके घर पर आए थे। 25 दिसम्बर 2008 को उसके पिता का निधन हो गया था। वह रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक पद से रिटायर हुए थे। उसके कुछ दिनों बाद तत्कालीन पाक पधानमंत्री की एम यूसुफ रजा गिलानी मेरे घर आए थे। हेडली ने बृहस्पतिवार को बताया कि लश्कर की ओर से बाला साहेब ठाकरे की हत्या की भी कोशिश की गई थी। लश्कर के लड़ाके को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन वह भाग निकला था। उसने कहा कि वह दो बार शिवसेना भवन गया था। हेडली ने कहा कि वह ठाकरे को अमेरिका बुलाने की योजना बना रहा था, लेकिन वहां उनकी हत्या का कोई प्लान नहीं था। उसने फिर दोहराया कि गुजरात में मारी गई इशरत जहां लश्कर--तैयबा की फिदायीन हमलावर थी। जकी उर रहमान लखवी ने इशरत के मारे जाने की जानकारी उसे दी थी। तहव्वुर हुसैन राणा लश्कर से उसके संबंधों के बारे में जानता था।

-अनिल नरेंद्रा

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