Saturday, 12 March 2016

दुनिया के सबसे बड़े मंच से समारोह आरंभ होगा

श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से आयोजित होने वाला विश्व सांस्कृतिक समारोह भले ही विवादों के केंद्र में आ गया है लेकिन यमुना नदी के डूब क्षेत्र में इस भव्य समारोह के लिए मंच पूरी तरह से सज चुका है। इस बीच रविशंकर ने कहा कि एनजीटी की ओर से लगाए गए पांच करोड़ रुपए का जुर्माना वह अदा नहीं करेंगे। चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े। दिल्ली में शुक्रवार से शुरू हो रहे विश्व सांस्कृतिक समारोह में कई कीर्तिमान बनेंगे। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने पर हो रहे कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा मंच बनाया गया है। करीब 1200 फुट लंबे और 400 फुट चौड़े इस मंच पर एक वक्त करीब 28 हजार लोग मौजूद रह सकते हैं। आयोजकों का दावा है कि यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा मंच है। यहां देश और दुनिया के 35000 कलाकार एक साथ प्रस्तुति देंगे। महोत्सव के मुख्य मंच को 10 भागों में बांटा गया है। मंच के बीचोबीच कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। तीन दिन चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन शुक्रवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। अगले दिन 12 मार्च को आध्यात्मिक एवं धर्मगुरुओं की उपस्थिति में सर्वधर्म सम्मेलन होगा। देश के करीब 20 हजार मेहमान कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। 173 अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां भी मौजूद रहेंगी, जिनमें मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री और सांसद भी शामिल हैं। महोत्सव के मंच को जगमग करने के लिए चार फ्लड लाइट के टॉवर लगाए गए हैं, जो क्रिकेट के मैदान की तरह रोशनी प्रदान करेंगे। कार्यक्रम में प्रकाश के लिए एलईडी बल्ब का इस्तेमाल किया जा रहा है जो अपने आपमें अनूठी बात है। महोत्सव को सम्पन्न करने के लिए कुल सात एकड़ भूभाग का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रवेश के लिए 13 द्वार बनाए गए हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के एक अधिकारी के मुताबिक महोत्सव का मंच न सिर्प भव्य होगा बल्कि इसके निर्माण के लिए भी नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मंच को खड़ा करने के लिए कोई खुदाई नहीं की गई है, न कोई स्थायी निर्माण किया गया है। यह पूरी तरह से ईको-फ्रैंडली स्टेज होगा। मंच निर्माण में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इस अधिकारी ने यह भी बताया कि पूरी दुनिया में इस भव्य समारोह का सजीव प्रसारण करने की भी व्यवस्था की जा रही है।

-अनिल नरेन्द्र

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