Tuesday 20 June 2017

15 मिनट में ही 24 मंजिला बिल्डिंग जलकर भस्म हो गई

आग जंगल में लगे या मैदान में, झोपड़ी में लगे या राजमहल में, उसका काम है भस्म करना। उसके सामने इंसान, जानवर, लकड़ी, पत्थर सब बराबर है। दुनिया के विकसित देशों में शुमार ग्रेट ब्रिटेन की राजधानी लंदन में मंगलवार की रात आग ने वही किया जिसके लिए वह जानी जाती है। देखते ही देखते 24 मंजिला ग्रेन फेल टॉवर धू-धू कर जलने लगा जिसमें कइयों की मौत हो गई और चार दर्जन से ज्यादा लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। लंदन के समय के हिसाब से आग रात डेढ़ बजे तब लगी जब लोग सो रहे थे। बुरी तरह जल चुकी यह इमारत कभी भी धराशायी हो सकती है। घटनास्थल के बाहर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने की वजह एक फ्लैट में फ्रिज में होने वाला धमाका था, लेकिन अग्निशमन विभाग ने कहाöअभी ऐसा कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है। लंदन फायर ब्रिगेड के आयुक्त डेन कॉटन ने कहाö29 साल के कार्यकाल में इतने बड़े पैमाने पर मैंने ऐसा कुछ भी होते नहीं देखा है। दीवारों को बारिश और नमी से बचाने के लिए इस 24 मंजिला इमारत की बाहरी दीवारों पर एक रेन क्रीन शीट लगाई गई थी। माना जा रहा है कि प्लास्टिक और लकड़ी की बनी इस शीट के कारण ही आग तेजी से फैलती गई और चन्द मिनटों में ही पूरी इमारत आग की लपटों में घिर गई। ग्रेन फेल बिल्डिंग में अधिकांश लोग मुस्लिम समुदाय के हैं और रमजान के कारण कई लोग सहरी के लिए सुबह जल्दी उठ गए थे। नौवीं मंजिल में रहने वाले यदीद अब्बास को गैस की गंध आई और पूरा परिवार वहां से निकल गया। समीरा इमरानी नामक महिला ने बतायाöमैंने नौवीं मंजिल की बालकनी पर एक महिला को देखा। उसके हाथ में एक बच्ची थी। वो मदद की गुहार लगा रही थी। जब आग से बचने की कोई उम्मीद नहीं बची तो उसने कम्बल में लपेटकर बच्ची को नीचे फेंक दिया। वह चिल्ला रही थी कि मेरी बच्ची को बचा लो। वहां मौजूद दमकल कर्मी ने तेजी से दौड़कर बच्ची को बचा लिया। लोग खिड़कियों से टार्च लाइट फेंककर अपनी पोजीशन बता रहे थे। चारों ओर इमारत के टुकड़े गिर रहे थे। इमारत में बहुत सारे लोग थे पर कम ही बाहर निकल पाए। यह सवाल जरूर एक बार फिर उछलकर सामने आता है कि आखिर अभी इमारतें कितनी सुरक्षित हैं? अगर इतने विकसित देश और शहर में सुरक्षा मानकों में ऐसी चूक रह सकती है तो अपेक्षा अविकसित और पिछड़े मुल्कों की हालत क्या होगी? कई साल से आग से सुरक्षा उपायों की कमी की शिकायतें इस 47 साल पुराने ग्रेन फेल टावर की हो रही थी। लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आग की जानकारी भी लोगों के चिल्लाने के कारण मिली। ग्रेन फेल टावर की आग सिर्फ किसी चूक का नतीजा है या विकास के सिद्धांत को अपनाने में ही कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है?

-अनिल नरेन्द्र

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