Wednesday 14 June 2017

रूस से रिश्तों पर ट्रंप के खिलाफ कोमी की गवाही

चुनाव प्रचार के दौरान रूस के अधिकारियों के सम्पर्क में होने के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में देश की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख जेम्स कोमी को उनके पद से हटा दिया था। पद से हटाए जाने पर सख्त नाराज जेम्स कोमी ने ट्रंप के खिलाफ कई सनसनीखेज खुलासे कर देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। गत गुरुवार को उन्होंने अमेरिकी सीनेट की इंटेलीजेंस कमेटी के सामने ट्रंप के साथ अपने रिश्तों का खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में रूस ने हस्तक्षेप किया था। डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कोमी ने कहा कि इसी मामले की जांच को रोकने के लिए उन्हें पद से हटाया गया जबकि उनके कार्यकाल के छह साल बाकी थे। लिखित गवाही में उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के खिलाफ जांच बंद करने के लिए कहा था। अपने प्रति वफादार रहने की मांग की थी। सात पन्नों की अपनी लिखित गवाही में कोमी ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा दिया है। कोमी ने समिति के सामने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के पास उनको बर्खास्त करने का अधिकार था, लेकिन वो अपनी बर्खास्तगी के कारणों से असमंजस में थे। कोमी ने समिति के सामने यह भी कहा कि उन्हें हटाने के लिए ट्रंप प्रशासन ने झूठ बोला। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने यह झूठ बोला कि एफबीआई अव्यवस्थित थी और बुरे नेतृत्व में काम कर रही थी। उन्होंने व्हाइट हाउस पर उन्हें बदनाम करने का भी आरोप लगाया। सीनेट ने कोमी और ट्रंप की बातचीत का रिकार्ड व्हाइट हाउस से मांगा है। राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस से कहा गया है कि इस बारे में जो भी ब्यौरा या ऑडियो रिकार्डिंग मौजूद है, उन्हें समिति के सुपुर्द किया जाए। दूसरी ओर ट्रंप ने एफबीआई की जांच के दखल देने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह सीनेट समिति के समक्ष शपथ लेकर गवाही देने को तैयार हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि कोमी ने शपथ लेकर झूठ बोला। जबकि उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और अन्य सहयोगियों के रूस से रिश्तों की जांच को लेकर उनसे कुछ भी नहीं कहा था। अमेरिकी संसद के प्रावधानों के मुताबिक अगर ट्रंप पर  लगे आरोप सही साबित हो जाते हैं तो उन्हें पद से हटाने के लिए महाभियोग की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। हालांकि सीनेट और प्रतिनिधिसभा में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेते ही विवादों में घिरे रहे हैं। अब तमाम नाराज तत्व इस नई चर्चा का पूरा फायदा उठाने में जुट गए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment